Home > अवध क्षेत्र > अयोध्या > प्रसिद्ध रंग महल मंदिर अयोध्या में राजसी वैभव के साथ निकली भगवान राम की बारात

प्रसिद्ध रंग महल मंदिर अयोध्या में राजसी वैभव के साथ निकली भगवान राम की बारात

रामनगरी अयोध्या में राजसी वैभव के साथ निकली भगवान राम की बारात

अम्बिकानन्द त्रिपाठी 

अयोध्या । रामनगरी में रामविवाहोत्सव के अवसर पर राजसी वैभव के साथ भगवान राम की बारात निकली। श्री सीताराम विवाह माघ महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है | बारात में  दूल्हे के भेष में भगवान राम का दर्शन करने के लिए भक्तों का समूह उमड़ पड़ा। भजनों व गीतों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। दिव्य अलौकिक रथ पर सवार भगवान की राम की एक छलक पाने के लिए भक्त व्याकुल रहे। बारात निकले के पूर्व भगवान के विग्रह व प्रतिरुपों का पूजन  व आरती किया गया। तत्पश्चात वैदिक मंत्रोचार के साथ श्री सीताराम को रथ पर बैठाकर बैंड बाजे के साथ बारात निकाला गया  | वैसे तो अयोध्या के खास मंदिरो में रमाविवाह का उत्सव मनाया जाता है जैसे 

 रंग महल मंदिर, चक्रवती महाराज दशरथ जी का राजमहल, कनक भवन, रामबल्लभाकुंज, लक्ष्मण किला, रामहर्षण कुंज, जानकी महल ट्रस्ट ,विहउती भवन, दिव्यकला मंदिर, सहित अयोध्या के कई मंदिरों से बारात निकली। लेकिन अयोध्या के रामकोट मुहल्ले में  स्थित प्राचीन रंगमहल मंदिर में श्री सीताराम विवाह की धूम चार दिनों से चल रही थी विवाह उत्सव में कन्या पक्ष की तरफ से मुख्य यजमान उत्तर प्रदेश में ब़कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल जी सपरिवार उपस्थित होकर कन्यादान किया  | वर पक्ष की तरफ से स्वयं महंत श्री रामशरण दास जी महाराज रहे |विवाह का उत्सव मनाने के लिए मंदिर के महाराज जी ने पूरे तन मन धन से लगातार लगे रहे  | मंदिर में श्री राम विवाह महोत्सव को देखने के लिए  दिल्ली, कलकत्ता, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, बाम्बे, सहित अनेकों स्थानों से आकर उत्सव का आनन्द लिया  |
बारात में हजारों की संख्या में संत, महंत व श्रद्धालु शामिल थे जिसमें प्रमुख रूप से श्री राजेश अग्रवाल कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सपरिवार, महन्त स्वामी रामशऱण दास जी महाराज,रामप्रकाश पाण्डेय वैद्य जी, भाजपा नेता बबलू मिश्र, पार्षद रमेश दास, इत्यादि हजारों बारातियों ने जयश्रीराम का जयघोष करते हुए भक्तों ने भजनों की धुन पर नृत्य भी किया। जगह जगह  बारात का स्वागत कई जगहों पर आरती पूजन व प्रसाद वितरण के माध्यम से किया गया।बारात लौटने के बाद  देर रात तक  भगवान सीताराम के विवाह पूरे वैदिक रीतिरिवाज के साथ का आयोजन किया गया  । विवाह के दूसरे दिन कलेवा होता जिसमें भगवान को पकवान बनाकर भोग लगाया जाता है और लोगों में प्रसाद वितरण किया जाता है  |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *