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समुदाय आधारित गतिविधियों पर आईसीडीएस के अधिकारियों को प्रशिक्षण


यूनिसेफ के सहयोग से रमा फाउंडेशन ने किया प्रशिक्षित
रायबरेली। आंगनबाड़ी केन्द्रों की समुदाय आधारित गतिविधियों जैसे – गोद भराई और अन्नप्राशन को सुदृढ़ करने के लिए जनपद में यूनिसेफ़ के सहयोग से रमा फाउंडेशन द्वारा बाल विकास सेवाएवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को विकास भवन सभागार में प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर प्रशिक्षक डीएस दीक्षित ने बताया- आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोद भराई के आयोजन से पूर्व समुदाय को इसके आयोजन की जानकारी होनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग आयोजन में शामिल हो सकें। जहां तक संभव हो महिला , उसके परिवार के सदस्यों के साथ ही उसके पति को भी इस आयोजन में शामिल करें क्योंकिउन्हें भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि महिला को गर्भावस्था के दौरान क्या सेवन करना है। इसके साथ ही आयोजन के बाद भी उस महिला का फॉलोअप जरूर करें कि जो भी बातें गोद भराई के दौरान बताई गई हैं उनका पालन किया जा रहा है। यह केवल गतिविधि ही नहीं लोगों को प्रदर्शन के द्वारा जागरूक करने का एक बेहतर माध्यम है।
प्रशिक्षक अनुराग सिंह ने अन्नप्राशन के बारे में बताया- यह गतिविधि पीढ़ी दर पीढ़ी चली या रही है। लोग इसे जानते तो हैं लेकिन इसके महत्व को नहीं जानते। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस गतिविधि को आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित किया जाता है। इसके माध्यम से लोगों को यह बताया जाता है कि छह माह के बाद माँ का दूध बच्चे के लिए पूरा नहीं पड़ता है क्योंकि उसका शरीर बढ़त की अवस्था में होता है तब उसे माँ के दूध के साथ ऊपरी आहार की जरूरत होती है। इसलिए महिला के साथ उसके पति और परिवार के अन्य सदस्यों को ऊपरी आहार के सेवन केबारे में बताने के साथ ही इसे अमल में लाने के लिए प्रेरित करना और इस बात का फॉलो अप भी करना कि बच्चे को ऊपरी आहार समुचित रूप से दिया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद त्रिपाठी ने बताया- समुदाय आधारित गतिविधियां जैसे गोद भराई और अन्नप्राशन समुदाय के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित की जाती हैं। इनके आयोजन का उद्देश्य इन गतिविधियों में समुदाय को शामिल करते हुए गोदभराई और अन्नप्राशन के महत्व को बताना। प्रशिक्षण का उद्देश्य इन गतिविधियों को और अधिक सुदृढ़ करना है। इसके लिए सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं सुपर्वाइजर को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह सभी अपने क्षेत्र की अंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इन गतविधियों को और अधिक बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए प्रशिक्षित करेंगे।
इस मौके पर पोषण पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी डा. ज्ञानेन्द्र चतुर्वेदी और यूनिसेफ़ की अनिता भी उपस्थित रहीं।

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