रायबरेली। कोरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण अब लोगों द्वारा जांच कराने के बाद रिपोर्ट आने में देरी हो रही है | ऐसे में यदि व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें रिपोर्ट का इन्तजार नहीं करना होगा | ऐसे व्यक्ति को रोग की रोकथाम के लिए जरूरी दवाएं तुरन्त उपलब्ध कराई जायेंगी तथा उनके सेवन की विधि भी बतायी जाएगी | इस सम्बन्ध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. डी.एस.नेगी ने सभी सम्बंधित अधिकारियों को पत्र जारी का आवश्यक निर्देश दिए हैं |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेन्द्र सिंह ने महानिदेशक के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में लक्षणयुक्त लोग कोरोना की जाँच करवा रहे हैं | अभी तक कुल 569912 सैंपल लिए जा चुके हैं , जिनमें 3013 कीरिपोर्ट पेंडिंग हैं | संभावित कोरोना रोगियों की संख्या अधिक होने के कारण प्रयोगशाला से रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है | इस कारण संभावित कोरोना मरीजों के इलाज में भी विलम्ब हो रहा है | ऐसे में अब कोरोना जाँच कराने आये लक्षणयुक्त व्यक्ति को रिपोर्ट के चक्कर में इलाज का इन्तजार नहीं करना होगा साथ ही यह संक्रमण की चेन तोड़ने में भी मददगार साबित होगा |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया- रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) को दवाओं की सूची और सेवन के बारे में जानकारी दे दी गयी है | यह टीम लक्षणयुक्त व्यक्ति की सैम्पलिंग के बाद उसे तुरन क्वेरेंटाइन कर देगी | साथ ही दस दवाओं की किट उन्हें उपलब्ध कराकर उनके सेवन का तरीका बतलाएगी | ऐसे व्यक्ति की लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें सामान्य मरीज मानकर छोड़ दिया जायेगा |
सीएमओ ने बताया- जिन दवाइयों का सेवन करना है वह इस प्रकार है- आइवेर्मेक्टिन 12 मिग्रा(एमजी) की एक गोली खाने के बाद तीन दिन लगातार, एजिथ्रोमायसिन की 500 एमजी की गोली दिन में खाने के बाद एक बार लगातार तीन दिन के लिए, डोक्सी 100 एमजी की गोली 10 दिन तक दिन में दो बार, क्रोसिन 650 एमजी की एक-एक गोली दिन में 4 बार तीन दिन के लिए या शरीर दर्द बुखार आने तक, लिम्सी 500 (विटामिन सी 500 एमजी) एमजी रोज एक दस दिन के लिए, जिंकोनिया (एलिमेंटल) जिंक 50 एमजी) रोज एक गोली दस दिन तक, कैल्सिरोल सैशे हफ्ते में एक बार छह हफ्ते के लिए | साथ ही प्रतिदिन 3 से 4 लीटर गुनगुने पानी का सेवन करें, दिन में तीन बार भाप लें, आठ घंटे की नींद लें, 45 मिनट का व्यायाम करें या टहलें | इसके आलावा अपना आक्सीजन स्तर नापते रहें | अगर यह 94 प्रतिशत से कम आता है या अन्य किसी तरह की सांस सम्बन्धी समस्या महसूस होती है तो चिकित्सक की सलाह लें |