रायबरेली। पिछले एक साल से पूरा देश कोरोना से प्रभावित है। इस दौरान लोगों को सुरक्षित बनाने में सबसे ज्यादा योगदान हमारे स्वास्थ्यकर्मियों का है , चाहे वह चिकित्सक हों, नर्स हों, आशा कार्यकर्ता हों एम्बुलेंस कर्मी हों या लैब टैक्नीशियन। सभी ने जोखिम उठाकर अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है। इस दौरान वह खुद भी कोरोना से उपचाराधीन हुए, कुछ ने अपनी जान भी गंवाई लेकिन उनके जज्बे में कोई कमी नहीं आई।
ऐसे ही लैब टेक्नीशियन हैं एसपी मौर्या ,वह बताते हैं कि हम प्रतिदिन 70-75 लोगों के सैंपल लेते हैं। कभी – कभी तो हमारे साथ मरीज व उसके परिवार वाले दुर्व्यवहार भी करते हैं। कुछ लोग तो आसानी से अपने व् अपने परिवार के सदस्यों की जाँच करवा लेते हैं लेकिन कुछ लोग तो बिलकुल राजी ही नहीं होते हैं। हम लोगों से यही कहना चाहते हैं कि जांच में सहयोग करें। तभी हम कोरोना से छुटकारा पा सकते हैं।
लैब टेक्नीशियन धर्मेन्द्र पाल का कहना है कि चार से पांच लोगों की टीम में हम काम करते हैं। सितम्बर से अभी तक हम चार हजार से पांच हजार लोगों की जांच कर चुके हैं। हम रिस्क पर रहते हैं। डर लगा रहता है कि कहीं कोविड पॉजिटिव न हो जाएँ। लोगों को जाँच में सहयोग करना चाहिए। प्रशासन का सहयोग भी बहुत जरूरी है। प्रशासन का सहयोग लोगों को जाँच के लिये प्रेरित करेगा जिससे कोरोना की जांच और आसान हो जाएगी।
लैब टेक्नीशियन त्रिलोकी तिवारी बताते हैं – मैं लगभग एक साल से कोरोना के संभावितों के सैंपल ले रहा हूं , मैं पूरी सावधानी बरत रहा हूँ जिसका यह परिणाम है कि मैं अभी तक कोरोना से प्रभावित नहीं हुआ हूँ | मैं लोगों से यह कहना चाहता हूँ कि वह जांच में सहयोग करें। मास्क लगायें, 2 गज की सामाजिक दूरी का पालन करें और बार-बार अपने हाथ 40 सेकेण्ड तक धोते रहें और बेवजह घर से बाहर न निकलें।
लैब टेक्नीशियन अमित यादव का कहना है – पहले मैनें क्वेरेंटाइन सेंटर में लोगों की सैम्पलिंग की, अब मैं होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की सैम्पलिंग करता हूँ। कोरोना एक नयी बीमारी है, लोगों में इसको लेकर अनेक भ्रांतियां हैं, बहुत से लोग इसे अफवाह मानते हैं। लोग इसे गंभीरता से लें। हमें काम में तो अनेक समस्याएँ आती हैं लेकिन काम तो हमें करना है, हम ऐसे में अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकते हैं। लोगों से यह कहना चाहूँगा कि वह कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करें और स्वयं भी सुरक्षित रहें व परिवार को भी सुरक्षित रखें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेन्द्र सिंह का कहना है- इस समय जिले में 13 लैब टेक्नीशियन हैं जिसमें से 12 लैब टेक्नीशियन कोरोना जांच में लगे हुए हैं। वह प्रतिदिन लगभग 800 नमूने लेते हैं। कोरोना उपचाराधीनों की पहचान से लेकर उनकी जाँच तक में लैब टेक्नीशियन की भूमिका महत्वपूर्ण है और यह काम जोखिम से भरा हुआ है। सैंपल लेने के दौरान लैब टेक्नीशियन और मरीज के बीच दूरी बिलकुल भी नहीं होती है। हालाँकि वह पर्सनल प्रोटेक्शन किट को पहन कर ही जांच करते हैं लेकिन खतरा बरक़रार रहता है।