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आशा बिट्टन सिंह ने रचा इतिहास, एक दिन में कराईं 10 महिलाओं की नसबंदी

जिले में पहली बार किसी आशा द्वारा एक साथ कराए गए दस ऑपरेशन, सीएमओ ने दी बधाई
रायबरेली। मेहनत और लगन से कोई भी काम किया जाए तो उससे मान-सम्मान बड़े आसानी से कमाया जा सकता है । इसकी प्रत्यक्ष उदाहरण हैं शिवगढ़ ब्लॉक के नेरथुवा गुमावा गांव की आशा कार्यकर्ता बिट्टन सिंह। उनकी यह कहानी उन लोगों के लिए आईना भी है, जिन्हें आशा कार्यकर्ताओं के कामों पर भरोसा नहीं है। बीती 8 जनवरी को शिवगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर आयोजित महिला नसबंदी शिविर में बिट्टन ने जिले में एक नया इतिहास रचा है। इसको लेकर समूचे विभाग में आज उन्हीं की चर्चा है।
बीती आठ जनवरी को शिवगढ़ सीएचसी पर महिला नसबंदी शिविर आयोजित किया गया था। इस शिविर के लिए बिट्टन सिंह ने अपने क्षेत्र की महिलाओं काे नसबंदी के बारे में विस्तार से जानकारी दी, क्षेत्रीय महिलाओं की शंकाओं का निवारण करते हुए उन्होंने भ्रांतियों को भी दूर करने का काम किया। जिसके परिणाम स्वरूप क्षेत्र की 12 महिलाएं स्वैच्छिक रूप से नसबंदी के लिए तैयार हो गई। आशा बिट्टन सिंह निर्धारित तिथि पर इन सभी महिलाओं को लेकर सीएचसी पर पहुंची, लेकिन इनमें से दो महिलाओं की चिकित्सीय कारणों के चलते नसबंदी नहीं की गई, शेष 10 महिलाओं की सफल नसबंदी की गई है। इस पूरी कहानी की खास बात यह है कि जिले के इतिहास में किसी नसबंदी शिविर में किसी भी आशा द्वारा एक साथ नसबंदी के इतने केस नहीं लाए गए हैं।
समाज सेवा की भावना से आशा बिट्टन देवी ने वर्ष 2006 में आशा बनने का निर्णय लिया। वह बताती हैं कि वर्ष 2007 में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद बतौर आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि वह एक संयुक्त परिवार में रहती हैं। पारिवारिक दायित्वों के साथ ही वह आशा कार्यकर्ता की भी जिम्मेदारी काे सहर्ष पूरा कर रहीं हैं। क्षेत्रीय ग्रामीणों को वह स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देने के साथ ही महिलाओं को छोटे परिवार के फायदे बताकर नसबंदी कराने के लिए प्रेरित करती हैं । उनका कहना है कि छोटा परिवार सुखी परिवार होता है, इससे आप अपने हर बच्चे पर पूरा ध्यान दे सकते हैं। उनकी इस उपलब्धि पर सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी है। सीएमओ का कहना है कि इन जैसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से ही बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सकती है।
क्या कहती हैं लाभार्थी —
नसबंदी कराने वाली महिला आरती का कहना है कि आशा बिट्टन दीदी ने हमें नसबंदी के बारे में बताया, पहले हमें डर लगता था। लेकिन उन्होंने बहुत अच्छी तरह से समझाया जिसके बाद हमारा डर खत्म हो गया और मैंने नसबंदी ऑपरेशन करा लिया। अब मैं पूरी तरह से ठीक हूं।

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