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प्रेमिका ने प्यार की जिद को किया पूरा,80 किमी पैदल चलकर प्रेमी के घर पहुँच रचाई शादी

राजा कटियार/शुभम मिश्रा
कन्नौज। यूपी के कन्नौज में एक प्रेमिका ने अपनी चाहत को पूरा करने व प्यार को पाने की जिद  आखिरकर पूरी कर ली। कन्नौज में लॉकडाउन के बीच शादी का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक प्रेमिका लॉकडाउन के बीच कानपुर देहात के मंगलपुर से 80 किलोमीटर पैदल चलकर कन्नौज के वैसापुर गांव में  अपने प्रेमी के घर पहुंची। जब वह प्रेमी के घर पहुची तो उसे देख सब दंग रह गए। आपको बता दे इन दोनों की शादी 4 मई को होनी थी। लेकिन लोकडाउन की बजह से प्रेमिका के घर बालो ने शादी से मना कर दिया और शादी केंसिल कर दी। ऐसे में प्रेमिका अपने घर से चली आयी और वह कन्नौज अपने प्रेमी के घर पहुची और अपनी आप बीती बतायी। फिर  दोनो ने मंदिर में शादी कर ली। प्रेमिका के इस हौसले को देखकर हर कोई हैरान रह गया। आपको बता दे युवती की शादी की  तारीख बढ़ाए जाने व शादी कैंसिल हो जाने पर युवती शादी के लिए घर से अकेले ही पैदल निकल पड़ी। 80 किलोमीटर का सफर पैदल तय करते वक्त युवती के पांव में छाले तक पड़ गए, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। तालग्राम क्षेत्र में अपने प्रेमी (मंगेतर) के घर पहुंचकर युवती ने मंदिर में सात फेरे लिए। जिले के तालग्राम थाना क्षेत्र के ग्राम बैसापुर निवासी रघुवीर के बेटे वीरेंद्र कुमार राठौर का प्रेम प्रसंग उसके ही मामा गोरेलाल की बेटी गोल्डी से चल रहा था। 20 वर्षीय गोल्डी अपने पिता गोरेलाल के साथ लक्ष्मनपुर तिलकथाना मंगलपुर जिला कानपुर देहात में रहती थी। 4 मई को उसकी शादी तय थी। दोनों के बीच काफी दिनों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। इस बीच जब यह बात घर वालों को पता चली तो दोनों परिवारों ने इनकी शादी 4 मई को तय कर दी। इस दौरान कोरोना संक्रमण फैलने लगा और पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। जिससे इन दोनों की शादी टल गई। लॉकडाउन को लेकर घर वालों की मजबूरी और प्रेमी (मंगेतर) से दूरी गोल्डी को बर्दाश्त नहीं हुई। वह प्रेमी (मंगेतर) वीरेंद्र से शादी करने के लिए घर से अकेले ही निकल पड़ी। 80 किलोमीटर का सफर पैदल तय करके वह मंगेतर के गांव बैसापुर थाना तालग्राम में पहुंची। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई शादी यहां उसको देखकर हर कोई चौंक गया। गोल्डी के लगातार 80 किलोमीटर दूर पैदल चलने के कारण पांव में छाले पड़ गए थे। इसके बाद वीरेंद्र के परिजनों की सहमति से ताहपुर के सकरवारा बगुलिहाई के प्राचीन मंदिर में दोनों का विवाह कराया गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पंडित ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शादी की रस्में पूरी कराई।

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