कृषि विभाग की लालफीताशाही से त्रस्त हुआ खीरी जिले का किसान
लखीमपुर खीरी | केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पी0एम0-कुसुम) योजना अंतर्गत सोलर फोटो वोल्टायिक इरिगेशन पंप सिस्टम लगवाने के लिए किसानों को दिए जाने वाले अनुदान के नाम पर योगी सरकार के कृषि विभाग के अधिकारी खीरी जिले के किसानों का शोषण करने में सबसे आगे हैं। बताते चलें कि विगत वर्ष 2020 में जिले के सभी ब्लॉको के अंतर्गत आने वाले किसानों से सोलर सिंचाई पंप लगवाने के लिए आवेदन मांगे गए थे जिसमें अनेकों किसानों ने आवेदन करके अपने कृषक अंश के रूप में देय धनराशि का डिमांड ड्राफ्ट उप कृषि निदेशक के कार्यालय में जमा करा दिया था। किंतु अक्टूबर 2020 में उप कृषि निदेशक लखीमपुर खीरी के कार्यालय से किसानों को यह कहते हुए ड्राफ्ट वापस कर दिए गए कि उनमें अंकित तिथि की वैधता निकल चुकी है और पुनः ड्राफ्ट जमा कराएं। ऐसे में तमाम किसानों ने पुनः धनराशि व्यय करके ड्राफ्ट को कैंसिल करवा कर फिर से ड्राफ्ट बनवाकर विभाग में जमा करवाएं। ड्राफ्ट जमा कराएं 9 महीने का समय बीत जाने के बावजूद भी किसानों के सोलर सिंचाई पंप उनके खेतों में नहीं लग पाए और अब एक बार फिर से उप कृषि निदेशक खीरी के कार्यालय से संबंधित किसानों को एक पत्र जारी करते हुए दिए गए ड्राफ्ट की वैधता पुनः बढ़वा कर जमा कराने का आदेश थमा दिया गया।
तमाम किसानों को 8 जून 2021 को इसकी सूचना फोन पर दी गई और उनसे कल 9 जून 2021 तक ड्राफ्ट की मांग की गई है।जब कुछ किसानों ने अपनी मजबूरी बस इतनी जल्दी ड्राफ्ट दे पाने में असमर्थता जाहिर की तो कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा उनके आवेदन को निरस्त कर देने की धमकी दी जा रही है और आइंदा भविष्य में भी कोई कृषि संबंधी अनुदान न दिए जाने की बात कही जा रही है।
गौरतलब है कि एक तरफ कोरोना महामारी की वजह से किसानों की आर्थिक स्थिति वैसे भी दयनीय है ऊपर से कृषि विभाग द्वारा किसानों के ऊपर और आर्थिक व्यय थोपा जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि किसानों से सोलर पंप के एवज में पैसे लिए लगभग 1 साल बीतने को आया है लेकिन किसानों के खेतों में सोलर सिंचाई पंप अभी तक नहीं लग पाए हैं।
योगी सरकार में किसानों के साथ इससे बड़ा मजाक और क्या होगा।