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चोरी खुद के घर से होती है और हम इल्जाम खाकी को क्यों देते है। आखिर ऐसा क्यों

खामियां तो खुद घर वालो की है। मगर चोरी से इनका कोई संबंध नही।
लखीमपुर खीरी। भारत एक ऐसा देश जहां पर हर दूसरा आदमी हर मुद्दे पर अपनी राय देता है, दूसरों की खामियों को उजागर करता है मगर क्या वो कभी अपने गिरेबान में झांक कर देखता है कि वो सही है। या गलत।
कुछ जिम्मेदारी खुद की भी होती है। मगर जब उन जिम्मेदारियों से हम अपना पल्ला झाड़ने लगते है तो उसका खामियाजा भी खुद ही भुगतते है और दोष किसी और पर डालते है।
बहुत शर्म की बात है कि घरों में घुसकर जब कोई चोर चोरी करके चला जाता है और हम सुकून की नींद सोते रहते है। और चोर हमसे महज 10 कदम की दूरी पे चोरी करता है। और हमको जरा सी भी भंनक नही लगती है। औऱ तुम से किलोमीटर दूरी पर बैठे खाकी जो पूरी रात गस्त लगते है। उन्हें कैसे इतनी जल्दी पता चल जायेगा। आखिर वो भी हम लोगो के जैसे एक इंसान है उनका भी एक परिवार है ।उनको भी भूख ,प्यार,नींद ,तकलीफ आती हैं।और उसके बाद दोष हम बिजली विभाग व खाकी को देते है।
हालांकि चोरी जहाँ होती है बता के नही होती और बड़ी-बड़ी चोरियां होती भी आई है।ये महज एक दुर्घटना का रूप है। हम लोगो जब घर से बाहर निकलते है तो ये पता नही होता वापस लौटे गे या नही दुर्घटना किसी के साथ किसी समय य की भी वक़्त घट सकती है। होनी को कोई टाल नही सकता, विधि के विधान को कोई पलट नही सकता।किसी के घर पर चोरी होती है तो कष्ट होता है और आस-पास के लोग सहम जाते है जिससे रातें जाग-जाग कर काटते है मगर कहीं न कहीं ये चोर हमारी आपकी मजबूरी का फायदा उठाते है। वो मजबूरी है बेफिक्र होकर सोना क्योंकि जब हम बेफिक्र होकर सोएंगे तभी चोर घर मे घुसकर हमारी, आपकी चपत लगाएंगे मगर इस बेफिक्री में दोष बिजली विभाग का व खाकी का कहा से आया? क्या उनको चोरी बता के होती है? ऐसा नही है बल्कि उसी खाकी की बदौलत हम लोग बेफिक्र होकर अपने घरों में सोते है। इस वक़्त सिर्फ कसूर बिजली विभाग का यह है कि वो समय सारणी के अनुसार बिजली नही देता। ग्रामीण इलाकों में तो पूरा-पूरा दिन बिजली गुल रहती है। और जितनी देर आती है। वो भी लो बोल्टेज और ये बात आये दिन सुर्खियो में चल रही है। पर अधिकारियों पर इस बात को कोई प्रभाव नही पड़ रहा है।वो एक दम मौन बैठे है।कोई भी इस बात पर ध्यान नही दे रहा ,
इस देश में एक समस्या ऐसी भी है जिसपे आज तक कभी गौर नही किया गया। न किसी न्यूज़ चैनल पे और न किसी अखबार में आपको इसके बारे में कोई जानकारी दी गयी। बहुत शर्म की बात है कि आप इतने बड़े लोकतांत्रिक देश में रहते है और हम में से अधिकतर लोग अपने मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अपने मौलिक कर्तव्यों से वंचित है। आप शायद लापरवाह है, आपको अपने अधिकारों की नही पड़ी, हम हर मुद्दे पर अपनी राय देते है पर शायद अपने गिरेबान में झांक कर नही देखते। कितने शर्म की बात है कि आप अपने अधिकारों से वंचित है ।और पूरा दोष सरकार पर डालते है
अपना दोष दूसरे पर थोपना बंद कर अपनी गलती स्वीकारो दो पुलिस विभाग हमारे लिए बहुत परिश्रम करते हैं बस कुछ कथित के लोगों को छोड़कर सब पर हम लोग ऐसे उंगली ना उठाएं

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