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आवारा पशुओं से किसानों का जीवन हो गया अस्तव्यस्त

लखीमपुर निघासन खीरी। जहां नौकरी पेशा व्यक्ति,व्यवसायी दिन भर काम करने के बाद शाम को अपने घर एयर कंडीशनर कमरों में सोता है वही एक समुदाय और है। वो है किसान जिसको हमारे भारत देश मे अन्नदाता कहते है।ये किसान दिन भर खेतों मे चिलचिलाती धूप मे काम करते हैं उसके बाद रात में जब इनके आराम का समय होता है तब वह अपने खेतों में फसलों को छुट्टा जानवरों से बचाने को मजबूर है।

ऐसे में किसानों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ने के साथ साथ वो अपने अन्य कामों को भी नही निपटा पा रहा है जिसके साथ साथ उसका स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है।अगर ऐसे ही चलता रहा तो वह समय दूर नही है जब किसान खेती छोड़कर किसी अन्य व्यवसाय की तरफ मुँह मोड़ लेगा।किसानों को प्रशाशन से अभी भी काफी हद तक उम्मीदें हैं कि सरकार उनके लिए कुछ न कुछ जरूर करेगी जिससे उनको छुट्टा जानवरों से मुक्ति मिलेगी।

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