भारत बंद का बाजारो पर नही पडा असर, दलित समाज के लोगो ने बंद रखी अपनी दुकाने हरिओम कानपुर नगर| सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी एसटी एक्ट को निस्प्रभावी बनाये जाने तथा डा0 भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमाओं के अपमान के खिलाफ कल सोमवार को दलित समाज द्वारा भारत बंद समर्थन में हजारो दलित सडकों पर उतर आया। पूरे शहर में जगह-जगह सडको पर जमकर प्रदर्शन किये गये, जुलूस निकाला गया तथा संगोष्ठी कर सुप्रीमकोर्ट तथा भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी साथ ही कहा गया कि दलितो के साथ न तो देश की पुलिस है न न्यायपालिका और न ही सरकार, ऐसे में दलितो को अपनी असुरक्षा का भय उत्पन्न हो गया है। कहा गया यदि सुप्रीमकोर्ट व सरकार उनके खिलाफ कोई निर्णय लेता है तो देश का पूरा दलित समाज सडको पर उतर कर आन्दोलन करेगा साथ ही हर स्तर पर लडाई लडने को मजबूर होगा।
एससी एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लागये जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर जहां पूरे शहर में प्रदर्शन हुए तो वही कानपुर में राजकीय पाूलीटेक्निक के सैकडो छात्र ने भी जमकर प्रदर्शन करते हुए पुनर्विचार याचिका का समर्थन किया। दलित छात्र प्राचार्य के आवास के बाद प्रदर्शन करने पहुच गये और नारेबाजी करते हुए जल्द निर्णय देने की मांग की। वहीं छात्रों ने जीटी रोड को भी जाम करने का प्रयास किया जहां से वह सभी विकास भवन पहुंचे तथा जिलाधिकारी को भी एक ज्ञापन सौंपा। छात्रो ने इस फैसले को दलित विरोधी बताया तो वहीं सरकार के द्वारा पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को स्वागत योग्य कदम बताया और कहा कि वर्तमान में एससी एससी एक्ट में संशोधन की आवश्यकता है। छात्रों ने कहा कि दलितो और शोषितो के अधिकार सुरक्षित रहने चाहिये और यदि इस पक्ष में कोई निर्णय नही लिया जाता तो सभी छात्र पुनः प्रदर्शन करेंगे। भारत बंद का नही दिखा असर एससी एसटी एक्ट को निष्प्रभावी करने को लेकर भले ही दलित समाज ने भारी विरोध किया हो लेकिर उनका भारत बंद आवाहन का असर कुछ भी नही दिखा। कानपुर नगर में 2 अप्रैल सोमवार को सभी प्रतिष्ठान रोजमर्रा की ही तरह खुले साथ ही दलित समाज के लोगो ने अपनी दुकाने तथा अपना काम काज जरूर बंद रखा लेकिन पूर्ण बंदी का कोई भी असर शहर में देखने को नही मिला।