निघासन खीरी। कुछ गंदी राजनीति के छुटभैया नेताओं, कुछ भ्रष्ट अधिकारी, अपनी जेबें गर्म करने वाले कुछ प्रधान व कुछ दलाल रूपी ठेकेदार जो सिर्फ और सिर्फ अपनी जेबें झाँकतें है जिन्हें सिर्फ अपने परिवार के साथ अपनी ही फिक्र रहती है न कि समाज की, उन्हें ये नही पता कि वहाँ तक इसी समाज ने उन्हें पहुँचाया है। अगर सरकार की सारी योजनाओं का लाभ जनता को मिलने लगे तो में दावे के साथ कह सकता हूँ कि सरकार चाहे जो हो मगर बहेगी विकास की गंगा।
अफसोस इस बात का है की विकास की गंगा हम लोगों तक पहुँचने से पहले कुछ भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों, नेताओं व ठेकेदारों के जेबों में बहकर ही रह जाती है। तहसील निघासन में भी कुछ कर्मचारी ऐसे है जो दिन दूनी रात चौगुनी कमाई कर इस प्रकार से भ्रष्टाचार में लीन है मानो उनके भ्रष्ट कारनामों पर किसी की नजर ही न हो शायद उनको ये नही पता कि अब उनके भ्रष्ट कारनामों के दिन जल्द ही खत्म होने वाले है और उनके हर कारनामों का सबूत सभी के समक्ष जल्द ही पेश होगा। सवाल होगा, सवाल होगा तुम्हारी हर नाकामयाबी पर मेरा सवाल होगा जब आएगी लोगों के सामने तुम्हारे भ्रष्ट कारनामों की मक्कारी तो उस मक्कारी में छुपे भ्रष्ट चेहरे से मेरा सवाल होगा।