रुपयों के लेन-देन व फांसी लगाने को लेकर विवाहिता को किया जा रहा था प्रताड़ित
ब्यूरो रिपोर्ट-प्रशांत तिवारी
कछौना, हरदोई। रुपयों के लेन-देन को लेकर विवाहिता को प्रताड़ित कर जान देने पर विवश करने का मामला दर्ज हुआ है जिसमें विवाहिता अपने घर में फांसी पर झूलती पाई गई। मामले को लेकर मृतका के भाई की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है। बताते चलें कि नगर के मोहल्ला रेलवेगंज निवासी राहुल गुप्ता उर्फ “वीरू” की बहन नीतू गुप्ता 38 वर्ष (मृतका) का विवाह 17 वर्ष पूर्व राजीव गुप्ता निवासी एस-1, रवींद्रपल्ली, थाना- गाजीपुर, लखनऊ(मूल निवासी बेनीगंज) के साथ हुई थी। राहुल ने बताया कि दोनों का वैवाहिक जीवन सुखमय बीत रहा था, कहीं कोई विवाद नहीं था। बहन के देवर कुलदीप गुप्ता का विवाह डेढ़ वर्ष पूर्व हुआ था। देवर कुलदीप गुप्ता व देवरानी रोशनी गुप्ता बहन के घर में रहते थे तथा देवर कुलदीप उसके बहनोई राजीव की दुकान पर बैठकर काम करता था। एक वर्ष पूर्व देवर कुलदीप, देवरानी रोशनी गुप्ता, नन्दोई वीरू गुप्ता व ननद सोनी सर्व निवासी एस-1, रवींद्रपल्ली, गाजीपुर, लखनऊ ने बहन नीतू गुप्ता से 10 लाख रुपये उधार लिए थे। रुपये मांगने पर उक्त सभी उसे जान से मारने की धमकी देते थे और कहते थे कि अगर रुपयों की ज्यादा जरूरत है तो फांसी लगाकर जान दे दो। आये दिन उसका उत्पीड़न कर फांसी लगाने को कहते थे। प्रताड़ित करने व फांसी लगाने की बात को लेकर बहन ने अपनी भाभी नैन्सी गुप्ता को 7, 8 व 11 मार्च 2020 को फोन करके बताया कि देवर, देवरानी, ननद व नन्दोई सभी लोग मिलकर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं और उधार दिए हुए रुपयों को देने से मना कर रहे हैं, साथ ही फांसी लगाने को कह रहे हैं, जिस पर मृतका के भाई ने होली के बाद आने व एक साथ बैठकर बातचीत करके समस्या का समाधान की बात कही। लेकिन होली बीतने के तुरंत बाद 12 मार्च 2020 को उसके पास फ़ोन आया कि उसकी बहन नीतू गुप्ता ने फांसी लगा ली है। जिस पर वह लोग आनन- फानन में बालामऊ से लखनऊ बहन के घर पहुंचे तो पाया कि बहन नीतू गुप्ता अपने घर के ऊपरी हिस्से में मृत अवस्था में फांसी पर झूल रही थी। जिसको लेकर उक्त चारों लोग को दोषी ठहराते हुए मृतका के भाई ने 18 जून 2020 को एफआईआर दर्ज कराई है। मृतका के दो बेटियां व एक बेटा है। मामले में गाजीपुर थाने में मृतका के देवर कुलदीप गुप्ता, देवरानी रोशनी गुप्ता, नन्दोई वीरू गुप्ता व ननद सोनी के विरुद्ध आई.पी.सी. की धारा 306, 406, 506 व 498-ए में एफआईआर दर्ज की गई है।