अम्बिकानन्द त्रिपाठी
फैजाबाद। प्रदेश के मुख्यमंत्री मा0 योगी आदित्यनाथ ने आज अयोध्या में 335 साल पुराने उदासीन संगत ऋषि के आश्रम के अष्ठम पीठाधीस्वर श्री महन्त डा0 स्वामी भरत दास जी महराज के द्वारा निर्मित एक दिव्य गौशाला का निर्माण कार्य का लोकार्पण करने के उपरान्त कहा कि यह एक पवित्र कार्य है इस कार्य के लिए महन्त श्री भरत दास जी का और इस आश्रम से जुड़े समस्त संतो का धन्यवाद और हृदय से अभिनन्दन करता हँू और उम्मीद करता हूँ कि लोक कल्याकारी कार्यो की यह श्रृंखला अनवरत चलनी चाहिए। जिससे समाज को एक नई दिशा मिल सके। उदासीन सम्प्रदाय की यह परम्परा जगद गुरू श्री चन्द्र महराज से प्रारम्भ होती है श्री चन्द्र महराज जी गुरू नानक जी के पुत्र थे उन्होेंने कहा कि भारत के अन्दर एक सम्प्रदाय इस कार्य को कैसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे ले जाने का कार्य कर रही है, ये एक जीवंत उदाहरण है। उसी परम्परा में आज एक बहुत अच्छी गौशाला का निर्माण किया गया है। हम गौ को माता जी कहते है लेकिन गौ माता को गन्दगी में बैठने के लिए मजबूर करते है लेकिन यहां पर यह गौशाला अपने आप बहुत सुन्दर है और यहां दोनो प्रकार के गौ वंशों को रखने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गयी है। एक तरफ दुधारू गौवंश के रहने की व्यवस्था और दूसरी तरफ जो निराश्रित गौवंश है जिनका कोई देखभाल करने वाला नहीं है, जो बीमार है, बूढ़ी है या जिनका समाज के लिए कोई महत्व नही है। इनकी उपयोगिता भले ही न दिखती हो लेकिन उदासीन आश्रम में उसकी व्यवस्था को पूरी मुस्तैदी के साथ अच्छी रखने का प्रयास किया है यह एक पवित्र कार्य है।
मा0 मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2017 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, सरकार गठन के पश्चात् प्रदेश के अन्दर जितने भी अवैध बूचड़ खाने चल रहे थे हमने कहा उन सबको हम सख्ती के साथ बन्द करेगें और हमारी सरकार को जनता से भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ है और हमने प्रदेश के सभी अवैध बूचड़खानो को पूरी तरह से बन्द करा दिये। अवैध बूचड़खानो को बन्द करने के पश्चात् हमने पूरे प्रदेश के अन्दर एक अभियान चलाया कि कहीं भी गौ तस्करी न होने पाये, एक जवाब देही तय की। आज उसका परिणाम है कि गौ तस्करी और गौ कशी तो रूकी, लेकिन बड़ी संख्या में गौ वंश सड़को पर और खेतो में दिखाई दिये, इसके भी समाधान के लिए एक व्यवस्था हम लोगो ने अपनाया और हर जनपद को, हर नगर निगम को पर्याप्त मात्रा में धनराशि दिये कि वे अपने-अपने जनपद में बड़े-बडे़ गौ अभ्यारणय बनायें, गौशालाओं का निर्माण करें, जिसमें पांच हजार से दस हजार गौवंशों को रखा जा सके। उनकी सेवा की जा सके और उस कार्य को युद्धस्तर पर पूरे प्रदेश के अन्दर लागू करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई है इस कार्य में जनसहयोग आवश्यक है।
उन्होनें बड़ी संख्या में उपस्थित संतो से आग्रह किया कि धर्म गौ माता में है, धर्म मन्दिर में है, धर्म नदियों में है और धर्म लोक कल्याण के कार्यो में है। हम जीव मात्र की सेवा और सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित कर देते है। उन्होने कहा कि संत कम से कम अपने आश्रम में 5-10 गौ वंश रखें। गौ माता की सेवा करें और पुण्य के भागीदार बनें तथा अपने भक्तों व श्रद्धांलुओ को इसकी प्रेरणा प्रदान करें कि वे लोग बड़ी संख्या मे गौ सेवा का कार्य करें। गौ वंश की नस्ल को कैसे अच्छी उन्नत नस्ल में बदले, देशी वंश का गौ वंश कैसे उन्नत हो सके की दिशा में व्यापक शौध कार्य किये जाने की आवश्यकता है।
उन्होनें कहा कि अगर भगवान राम के प्रति हमारी आस्था है तो फिर अयोध्या की सड़को पर गौ माता निराश्रित हो करके क्यूं घूमती है वास्तव में उनकी सेवा होनी चाहिए इस दिशा में अगर कोई कार्य अयोध्या से प्रारम्भ हो जायेगा तो पूरे प्रदेश के अन्दर युद्धस्तर पर यह कार्य प्रारम्भ हो जायेगा। अयोध्या में दो बड़ी गौशाला बननी है एक नगर निगम क्षेत्र और एक जिले में, यहां 84 कोसी परिक्रमा होती है इस पूरे परिक्रमा क्षेत्र में गौरक्षा, गौसरंक्षण, गौ सम्पदा का एक अच्छा और आदर्श उदाहरण हम प्रस्तुत कर सकते है। गौशाला और गौ संरक्षण का कार्य व्यवहारिक रूप से अपने जीवन मे उतारें गौ माता के प्रति एवं भारतीय संस्कृति के प्रतीकों के प्रति सम्मान का भाव रखें और जैसे भी हो इसके संरक्षण और सम्वर्धन के लिए हमे अपने स्तर से प्रयास करना चाहिए। गौ माता धर्म की प्रतीक तो है अर्थ की प्रतीक भी है।
इस अवसर पर महन्त श्री मेहश्वर दास, महन्त सुरेश दास, महन्त स्वामी मंगल दास, धरमदास, निर्मल दास, सुन्दर दास, सांसद लल्लू सिंह, पूर्व सांसद राम विलास वेदान्ती, विधायक अयोध्या वेद प्रकाश गुप्ता, विधायक गोसाईगंज इन्द्र प्रताप तिवारी, विधायक रूदौली राम चन्दर यादव, विधायक मिल्कीपुर बाबा गोरखनाथ, विधायक बीकापुर शोभा सिंह, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में संत महात्मा उपस्थित थे।