गोरखपुर। मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में जनवरी माह से अब तक 3100 मरीज भर्ती हो चुके हैं जिसमें से चिकित्सा के दौरान 900 मरीजों की मौत हो चुकी है। बीआरडी में इंसेफेलाइटिस से पीड़ित 45 मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि 10 मरीज मौत से जूझ रहे हैं। मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। जनवरी माह से अब तक सिर्फ मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस के 141 मरीज भर्ती हो चुके हैं जिसमें से चिकित्सा के दौरान 45 की मौत हो चुकी है। नेहरू चिकित्सालय प्रशासन इंसेफेलाइटिस रोगियों को दवा देने की बात करता है जबकि सच्चाई कुछ और ही है। यहां यह भी बता दें कि चार माह में अभी तक एक भी मरीज जेई (जापानी इंसेफेलाइटिस) का नहीं आया। हालांकि सारे मरीजों का सीएसएफ-सीरम जांच के लिए भेजा गया है। वर्तमान समय में इंसेफेलाटिस से पीड़ित दस मरीज मौत से संघर्ष कर रहे हैं।
इन्सेफेलाइटिस पीड़ितों के इलाज की स्थिति जानने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह
काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि वह जेई और एईएस पीड़ितों के बेहतर इलाज के लिए हकीकत जानने आया हूं। यह देखने आया हूं कि उनको कैसे बेहतर इलाज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है। प्रदेश के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह रविवार को गोरखपुर पहुंचे। गोरखपुर पहुंचने पर भाजपाइयों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद वह जिले अस्पताल के लिए निकल गए। मंत्री के स्वागत के लिए संगठन व विभाग कई दिनों से तैयारी कर रहा था। जगह जगह उनके स्वागत के लिए होर्डिंग बैनर लगाये गए थे। मंत्री के आने की सूचना पाकर स्वास्थ्य महकमा भी कई दिनों से व्यवस्था चाक चैबंद करने में जुटा था। बता दें कि जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज का दौरा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंडल के स्वास्थ्य अधिकारियों संग समीक्षा बैठक भी करेंगे।