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राममंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तैयार,भव्य रोशनी में सोने जैसा निखर रहा, पिंक सैंड

अयोध्या। 22 जनवरी 2024 को श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा होगी। इसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। इस महापर्व में केवल दो माह शेष रह गए हैं। इस बीच राम मंदिर का भूतल पूरी तरह बनकर तैयार है। फिनिशिंग और भव्य प्रकाश के बीच इसकी भव्यता देखते ही बनती है। श्री राम जन्मभूमि में निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में 42 दरवाजे लगाए जाएंगे। इसके लिए महाराष्ट्र के चंद्रपुर व गडचिरोली के जंगलों में पाए जाने वाले सागौन की करीब 2 हजार सीएफटी लकड़ी से गर्भ गृह और भूतल में लगने वाले 14 दरवाजों का निर्माण किया जाएगा। दरवाजे बनाने के बाद अब उन पर सोने की परत का काम चल रहा है। दरवाजों के लिए इन लकड़ियों पर नक्काशी का काम हैदराबाद तेलंगाना में होना था, लेकिन तीर्थ क्षेत्र ने निर्णय लिया है कि लकड़ियों पर नक्काशी का काम अब साइट पर ही रामजन्म भूमि परिसर में कराया जाए। दरवाजों की खूबसूरत नक्काशी के लिए देश के लिए हैदराबाद चुनिंदा सर्वश्रेष्ठ कारीगरों ने सेवा दी है। राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र बताते हैं कि दिसंबर 2023 में ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इस फ्लोर पर गर्भगृह समेत 5 मंडप जिनके नाम गुड़ी मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कीर्तन मंडप हैं। इसके साथ ही मंदिर में प्रवेश करने के लिए सिंह द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय है। जिसमें बीचों बीच पीछे की ओर भगवान रामलला के विराजने का आसन होगा। उनका कहना है कि मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया जा रहा है। उत्तर भारत में प्राचीन काल के मंदिर इसी शैली में बने हुए हैं। इसके साथ ही मंदिर के गर्भगृह में भगवान के बाल स्वरूप की एक बड़ी मूर्ति भी स्थापित हो रही है। ताकि श्रद्धालुओं को दूर से भगवान के दर्शन में आसानी हो।यह मूर्ति बाल स्वरूप कोमल दिखने वाली होगी जिसमें भगवान कमल पर विराजमान होकर दर्शन देंगे। डॉ. अनिल मिश्र बताते हैं कि मंदिर के पहले तल का काम तेजी से हो रहा है। इसके खंभें लगभग बनकर तैयार हैं। दूसरे फ्लोर का काम 2024 में शुरू हो जाएगा। इस फ्लोर पर राम दरबार होगा। मंदिर में एक तीसरा फ्लोर भी बनेगा, लेकिन इस पर श्रद्धालुओं की इंट्री नहीं होगी। मंदिर का शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। रामनवमी के दिन भगवान राम का सूर्य तिलक से अभिषेक होगा। यानी सूर्य की किरण सीधे भगवान के ऊपर तक आएगी। यह किरण कैसे आएगी, इसके लिए प्प्ज् रुड़की के प्रोफेसर काम कर रहे हैं।

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