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रामजन्मभूमि परिसर में होगी राममंदिर के लिए शेष पत्थरों की तराशी।

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राममंदिर की निर्माण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मंदिर निर्माण के लिए जरूरी मशीनें जन्मभूमि परिसर पहुंच चुकीं हैं। लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के इंजीनियर्स की निगरानी में टेस्ट पाइलिंग का काम भी शुरू हो चुका है।
अब तय हुआ है कि राममंदिर निर्माण के लिए शेष पत्थरों की तराशी का काम श्रीराम जन्मभूमि परिसर में ही किया जाएगा। परिसर में कार्यशाला खोलने की तैयारी है। ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार अक्तूबर से यहां कार्यशाला का प्रारंभ हो सकता है।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में राममंदिर की पहली मंजिल के लिए तराश कर रखे गए पत्थरों को परिसर में पहुंचाने की तैयारी तेज हो गई है। इसके लिए एलएंडटी की टीम पत्थरों की नाप-जोख में जुटी हुई है। परिसर में पत्थरों को ले जाने के लिए रामसेवकपुरम स्थित कार्यशाला में जमा किए गए पत्थरों को चिह्नित करते हुए उनकी नाप-जोख की जा रही है। कार्यशाला की देखरेख कर रहे मनोज सोमपुरा ने बताया कि एलएंडटी के कर्मचारियों के साथ कार्यशाला में रखे सामान्य पत्थरों को चिह्नित करने का काम किया जा रहा है। अब राममंदिर के लिए शेष पत्थरों की तराशी श्रीराम जन्मभूमि परिसर में ही कार्यशाला खोलकर की जाएगी। यह इसलिए किया जा रहा है कि जिससे पत्थर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में क्षतिग्रस्त न हों।
पत्थरों को रखने की व्यवस्थाएं मंदिर निर्माण एजेंसी एलएंडटी ने शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि अक्तूबर में राम मंदिर के नींव की खोदाई शुरू हो जाएगी। इसलिए अब जल्द ही पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर में पहुंचाया जाएगा। बताया कि रामजन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में राममंदिर की पहली मंजिल के लिए करीब सवा लाख घनफुट पत्थरों की तराशी की जा चुकी है।
वर्षों से खुले आसमान में होने के कारण इनकी चमक धूमिल पड़ गयी थी, इसलिए इन्हें चमकाने का काम भी किया जा रहा है। शीघ्र ही तराशे गए पत्थरों व अनगढ़े पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर में पहुंचा दिया जाएगा। ताकि आगे का काम तेजी से शुरू हो सके।
राममंदिर में लगने वाले पत्थरों को लेकर कोई अड़चन नहीं
श्रीराम जन्मभूमि कार्यशाला के संचालक मनोज सोमपुरा ने साफ कर दिया है कि पत्थर खरीदी की तैयारियां तेज हैं। भव्य राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों को लेकर कोई अड़चन नहीं है। नियम के अनुसार ही पत्थरों का आयात किया जा रहा है। रोजाना ही ठेकेदार बंशी पहाड़पुर के पत्थरों के लिए उनसे संपर्क कर आपूर्ति की बात कह रहे हैं, लेकिन आपूर्ति सिर्फ उन्हीं ठेकेदारों से ली जाएगी जो नियमों के मुताबिक सही होंगे। ढांचे में बदलाव की वजह से करीब डेढ़ लाख फीट पत्थर ज्यादा लगने की संभावना जताई जा रही है।

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