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महाराणा की जयंती पर रामनगरी में हुआ नारी रक्षा महायज्ञ का आयाेजन

महाराणा प्रताप की जयंती पर नारी रक्षा महायज्ञ का आयाेजन किया गया – जगतगुरु परमहंसाचार्य

अम्बिकानन्द त्रिपाठी

अयाेध्या।महाराणा प्रताप की जयंती पर शनिवार को रामनगरी में नारी रक्षा महायज्ञ का आयाेजन किया गया। यह महायज्ञ आचार्य पीठ तपस्वी छावनी के महन्त परमहंसदास के संयाेजन में सम्पन्न हुआ, जिसमें साेशल डिस्टेंस का भी विशेष ख्याल रखा गया। रामघाट स्थित अपने आश्रम पर वैदिक मंत्राेच्चार के साथ यज्ञ में आहुति डालने के बाद परमहंस ने कहा कि प्रत्येक भारतीयों के आदर्श महाराणा प्रताप हैं। हम सबकाे उनके आदर्शाें पर ही चलना हाेगा। उन्हाेंने कभी पराधीनता नही स्वीकार की। वह घास की राेटी खाकर भारतीय संस्कृति की रक्षा करते रहे। उस समय अकबर का शासनकाल चल रहा था। जब हिन्दूआें पर इतने अत्याचार व जाेर-जुल्म ढाये जा रहे थे। जबरन हिन्दूआें की बहन-बेटियाें काे उठा लिया जाता था। अकबर द्वारा मीना बाजार लगवाया जाता था। महाराणा प्रताप घास की राेटी खाकर बहन-बेटियाें व भारतीय संस्कृति की रक्षा करते थे। महन्त ने कहा कि आज प्रत्येक भारतीयों काे चाहिए कि पुन: वह महाराणा प्रताप बनकर अपने समाज, माताओं-बहनाें, बहन-बेटियाें और राष्ट्र की रक्षा करें। जरूरत है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साथ देने की। जाे राष्ट्र के खाेए स्वरूप काे पुन: प्रतिष्ठित करने में दिन-रात लगे हुए हैं। ७० सालाें के जख्म काे माेदी भर रहे हैं। इसलिए उनका साथ दें, जिससे माताओं-बहनाें के सम्मान की रक्षा हाे सके। उन्हाेंने कहा कि हमारे वेदाें में लिखा है पितुर सहस्र गुना माता अर्थात पिता से एक हजार गुना मां बड़ी हाेती है। इसी प्रकार सहस्र पुत्र समाकन्या। मतलब एक हजार बेटे से एक बेटी श्रेष्ठ हाेती है। नारी की जहां पूजा, आदर्श व सम्मान हाेता है। वही देवताओं का वास करते हैं। हमारे जितने भी देवता हैं उनमें सबसे पहले मातृशक्ति का नाम आता है। जैसे- सीता फिर राम, पहले लक्ष्मी तब नारायण, गाैरी उसके बाद शंकर, राधा तब श्याम। लेकिन आज दुर्भाग्य इस बात का है कि पाक परस्त दरिंदे व जाहिल लाेग हमारी बहन-बेटियाें के साथ अमानवीय कृत्य कर रहे हैं। इसके विरुद्ध सरकार प्रयास कर रही है। लेकिन जनता का सहयाेग जब तक सरकार को नही मिलेगा। तब तक अपराध मुक्त समाज नही हो सकता। नारी रक्षा महायज्ञ के माध्यम से महाराणा प्रताप के सिद्धांतों पर हम सब भारतीयों ने चलने का संकल्प लिया है। महाराणा प्रताप हमारे आदर्श हैं। बाबर, औरंगजेब, अकबर आतंकवादी थे। यह कभी भारत के आदर्श नही बन सकते हैं।

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