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हिंदी की समृद्धता में ही देश की संपन्नता समाहित है- आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज 

अयोध्या। मातृभाषा हिंदी की समृद्धता में ही देश की संपन्नता समाहित है, हिंदी जन-जन की भाषा बने, विश्व की संपर्क भाषा बने, देश की राष्ट्रभाषा बने, इसके लिए हमें जागृत होना होगा और निरंतर प्रयासरत रहना होगा, क्योंकि हिंदी में ही हमारी संस्कृति, सभ्यता, संस्कारों का समावेश है, इसलिए हमें अपने सभ्यता,संस्कारों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए हिंदी को पूर्ण रूप से आत्मसात करना होगा, तभी देश की वास्तविक प्रगति होगी। उक्त उद्गार आज यहां का.सु.साकेत महाविद्यालय में हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान व सांस्कृतिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी, सम्मान समारोह में  मुख्य अतिथि के रूप में श्री राम जन्म भूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज ने व्यक्त किए, समारोह की अध्यक्षता करते हुए का.सु.साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० अभय कुमार सिंह ने कहा कि हिंदी के बिना देश अधूरा है विडंबना है कि अभी तक भारत की अपनी कोई राष्ट्रभाषा नहीं है हमें हिंदी को राष्ट्रभाषा शीघ्र घोषित करना होगा, तभी देश की वास्तविक प्रगति होगी,इस दिशा में संस्थान का प्रयास अत्यंत सराहनीय है। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं वेद भाष्यकार रूपांतरक डॉ0 देवी सहाय “दीप” ने कहा की हिंदी के बिना समृद्ध देश की परिकल्पना नहीं की जा सकती। रसिक पीठाधीश्वर महंत जनमेजय शरण जी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए बताया कि हिंदी के लिए हमें जागृत रहना होगा तभी देश का विकास संभव होगा। विशिष्ट अतिथि दशरथ गद्दी के महंत बृजमोहन दास जी महाराज ने कहा की हिंदी में जो अपनत्व, मिठास, और लालित्य है उतनी समृद्धता किसी भी भाषा में नहीं है। विशिष्ट अतिथि शरद पाठक “बाबा” मित्र मंच के राष्ट्रीय प्रमुख ने कहा कि हिंदी जन मन की भाषा बने तभी देश का विकास संभव है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उक्त अवसर आए हुए  कवियों ने काव्य पाठ कर हिंदी की समृद्धता का गुणगान किया। समारोह में समाज के विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लगभग 70 विभूतियों को संस्थान की तरफ से “डॉक्टर शिव बरन मौर्य साहित्य भूषण सम्मान” तथा “डॉ0 रामरती कुंवरि मौर्य साहित्य गौरव सम्मान” से अलंकृत प्रमाण पत्र व अंग वस्त्र आदि देकर सम्मानित किया गया, आए हुए समस्त साहित्य प्रेमियों का आभार व्यक्त करते हुए संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री व समारोह के संचालक डॉ0 सम्राट अशोक मौर्य तथा प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह वत्स ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए हिंदी के सम्पूर्ण विकास के लिए और तल्लीनता से कार्य करने का संकल्प दिलाया। समारोह में प्रमुख रूप से अपने विचार व्यक्त करने वालों में विधि संकाय के अध्यक्ष डॉ० अशोक कुमार राय, प्रेस क्लब अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी, साध्वी श्याम प्रिया, साध्वी विदुषी हरिप्रिया हट्टी जी, रामानंद सागर, भानु प्रताप भयंकर, मूर्धन्य कवि श्री अशोक टाटम्बरी, कवि गौरव श्री शैलेन्द्र पांडेय मासूम लखनवी, मुजम्मिल फिदा हुसैन, जमीर राणा, अली मशमूम खान, कृष्ण चंद्र मौर्य, विंध्यवासिनी शरण पांडिया, नारायण मिश्रा, अनिरुद्ध प्रसाद शुक्ला, डॉक्टर एस.पी. दिवेदी, डॉक्टर एकता त्रिपाठी, डॉक्टर उपेंद्रमणि त्रिपाठी, आचार्य शशि मौर्य, सी.ए. चक्रवर्ती मौर्य, राष्ट्र कुंवर मौर्य,विनीता कुशवाहा, डॉक्टर रामकरण सिंह कुशवाहा,आर.डी.वर्मा, अयोध्या के प्रसिद्ध वैद्य राम प्रकाश पांडेय जी, पत्रकार अजय श्रीवास्तव जी, पावन भारत टाइम्स के सम्पादक पवन पांडेय जी, सहित तमाम मूर्धन्य विद्वान, वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित रहे।

अम्बिका नन्द त्रिपाठी

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