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अयोध्या शोध संस्थान ने भारतीय मैत्री संघ “दिशा” मॉस्को को दीपोत्सव के लिए आमंत्रित किया 

अयोध्या। अयोध्या शोध संस्थान के निमंत्रण पर रूसी भारतीय मैत्री संघ दिशा मॉस्को (रूस) पद्मश्री गेनादि पेचनिकोव की स्मृति में दिशा रामलीला 9-11 नवंबर, 2023 को भारत में दीपोत्सव (दिवाली) समारोह में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में प्रस्तुत करेगी । दीपोत्सव में विभिन्न देशों के कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है, जो मंच पर भगवान राम को समर्पित प्रस्तुति देकर भारतीय पौराणिक गाथा का महिमामंडन करते हैं।
रामलीला प्राचीन महाकाव्य रामायण पर आधारित सबसे लोकप्रिय प्रदर्शन है, जो भगवान राम के जीवन की कहानी बताता है। रूस में रामलीला का इतिहास 1960 से शुरू होता है। गेनादि मिखाइलोविच पेचनिकोव (सोवियत रूसी अभिनेता, थिएटर निर्देशक और प्रसिद्ध व्यक्ति), जिन्हें रूसी राम के नाम से जाना जाता है, ने लगभग 20 वर्षो तक रामलीला का मंचन किया। वे कई बार दौरे पर भारत आए उन्हें बाल मित्र सहित पद्मश्री जैसे सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
लगभग चालीस वर्षों के बाद, रूसी भारतीय मैत्री समिति दिशा ने पदम श्री गेनादि पेचनिकोव की स्मृति में और रूसी भारतीय मित्रता के सम्मान में दिशा रामलीला का मंचन फिर से शुरू किया। इस रामलीला की पहली प्रस्तुति 4-6 नवंबर, 2018 को अयोध्या में, दूसरी जनवरी 2019 कुंभ मेला, प्रयागराज, तीसरी अक्टूबर-अक्टूबर 2022 दीपोत्सव, अयोध्या में हुई।
नवंबर 2023 में, रूसी – भारतीय मैत्री संघ दिशा, मॉस्को (रूस) दीपोत्सव में रूस का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेगी, जो भगवान राम की अपने गृहनगर अयोध्या में विजयी वापसी के लिए समर्पित है। दिशा संस्था के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर सिंह ने उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, रूस में भारतीय राजदूत श्री पवन कपूर, भारत में रूसी राजदूत श्री डेनिस अलीपोव, अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी, जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र श्रीमती मधुर कंकना रॉय को रामलीला को पुनर्जीवित करने और रूसी भारतीय मित्रता को मजबूत करने में उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

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