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पीड़िता को ऐसे मिला न्याय की मिला भी नही, कोई गिला भी नही।

अवध की आवाज दैनिक पेपर जिला संवाददाता विनोद, कुमार सिंह,,
गोंडा। गोंडा पुलिस की आश्चर्यजनक कार्यशैली से पीड़िता का परिवार स्तब्ध है तो वहीं आरोपियों की शर्त पर पीड़िता को सुलह के झंझावात में फंसाने की प्रक्रिया से लोग भी हतप्रभ हैं। दरअसल वजीरगंज क्षेत्र के नगवा गाँव में ब्याहता दो साल से अपने मायके में रह कर अपने पति व ससुर की शिकायत करती आ रही है। विवाहिता और उसकी माँ बस्ती जिले से वजीरगंज बाया गोंडा सैकड़ों बार अपनी फरियाद ले कर आईं, एस.पी से ले कर महिला थाना, वजीरगंज, डुमरियाडीह, सभी चौखटों पर माथा टेका, किन्तु हर बार आरोपितों द्वारा सुलह का प्रस्ताव रख कर पीड़िता और पुलिस को गुमराह किये जाने का काम किया गया, मामला मिडिया में आने के बाद लड़की की माँ के द्वारा पुलिस अधीक्षक को दिया गया प्रार्थना पत्र, कार्यवाही के लिए पत्र को पहले मनकापुर कोतवाली भेजा गया वहां से फिर डूमारियाडीह चौकी भेजी गयी, जहां पर चौकी इंचार्च भानु प्रताप सिंह की मौजूदगी में आरोपितों ने पुनः तय सुदा रकम के साथ सुलह का प्रस्ताव रखा, किन्तु निर्धारित तारीख पर पीड़िता परिवार के साथ बस्ती से आ कर उपस्थित तो गयी लेकिन आरोपितों ने इंतजाम न होने का बहाना बना कर फिर अगली तारीख ले ली, किन्तु सुलह की अगली तारीख पर भी आरोपी उपस्थित नही हुए, मामले में एडिशनल एस.पी के हस्तक्षेप के बाद पुनः मामले को वजीरगंज थाने पर भेजा गया वहां तैनात थाना अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने आरोपितों को प्रथमिका देते हुए पीड़िता के समक्ष तय सुदा रकम के साथ सुलह समझौता इस शर्त पर करा दिया की दोनों पक्ष कोर्ट में चल रहे मुकदमे वापिस ले लेंगे। दुर्भाग्यवश कोरोना के बढ़ते खतरों की वजह से कोर्ट बन्द चल रहे हैं, पीड़िता को भय है की उसका विपक्षी पहले कोर्ट इस लिये बुला रहा है ताकि हस्ताक्षर भी करा ले और तय सुदा रकम भी ना देनी पड़े, अपने इस डर की वजह से पीड़िता की माँ ने कई बार कहा की सुलह की रकम दे दी जाए तब कोर्ट में लड़की को भेजा जाय, लेकिन आरोपितों के साथ पुलिस भी इस बात पर अड़ी है की दोनों पक्ष मुकदमा वापिल ले कर नॉट प्रेस की कॉपी लाएं थाने पर जमा करे, पुलिस द्वारा पीड़िता को किसी प्रकार सहूलियत नही दी जा रही जिससे उनका मुकदमा और सुलह की रकम खोने का डर खत्म किया जा सके। अब पीड़िता और उसकी माँ की वही स्थिति है की उन्हें न्याय ऐसे मिला की मिला भी नही और कोई गिला भी नही।

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