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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में कई अहम फैसले

 मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से वार्ता के बाद आन्दोलन नही करेगा परिषद
कर्मचारी समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार को एक मौका दिया परिशद ने।
 कार्यकारिणी में एक स्वर में वादा खिलाफी होने पर प्रदेष व्यापी आन्दोलन 
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आज प्रदेश अध्यक्ष श्री हरिकिशोर तिवारी की अध्यक्षता में संघ भवन में सम्पन्न हुई। बैठक का संचालन करते हुए परिशद के महामंत्री  श्री शिबरन सिंह यादव ने बताया कि प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की समस्याओं के सम्बंध में गत दिवस सभी संवर्ग की समस्याओं से प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ एवं मुख्य सचिव राजीव कुमार को परिषद का प्रतिनिधि मण्डल विधिवत अवगत करा चुका है। इन बैठकों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से लेकर फील्ड कर्मचारियों तक की समस्याओं के साथ पूर्व में शासन एवं परिषद के प्रतिनिधि मण्डल के बीच हुए समझौते और उनका अनुपालन न होने की जानकारी भी दी जा चुकी है। माननीय मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कर्मचारियों की कई मांगों की पूर्ति के लिए सकारात्मक रूप से तैयार है लेकिन इसके लिए उनके द्वारा समय मांगा गया है। इस बाॅत को ध्यान में रखकर फिलहाल परिषद ने प्रदेष कार्यकारिणी बैठक बुलाकर अपने आन्दोलनात्मक कार्यक्रम को इस शर्त के साथ फिलहाल स्थगित कर दिया है कि अगर अब माननीय मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव स्तर पर हुई वार्ता के परिपेक्ष्य में आदेश जारी नही होते तो वादा खिलाफी के खिलाफ प्रान्त व्यापी आन्दोलन चरणबद्ध रूप से शुरू कर दिया जाएगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कहा गया कि राज्य कर्मचारियों की कुछ समस्यायें जिन पर मुख्य सचिव स्तर पर सहमति बन जाने के बाद भी उन का क्रियान्वयन न होने के कारण परिषद द्धारा कई बड़े आन्देालनात्मक कार्यक्रम धरना प्रदर्शन, रैली, ऐतिहासिक एनेक्सी भवन का घेराव कार्यक्रम परिषद कर चुकी है। इन आन्दोलन के चलते सरकार की तरफ से कर्मचारियों के गुस्से को भांपते हुए पहले कैशलेस इलाज और 20 प्रतिशत मकान किराया भत्ता का आदेश तो पूर्व सरकार ने जारी कर दिया गया लेकिन अन्य मांगे क्रमशः
1-जो कर्मचारी अपनी मोटरसाइकिल से रात दिन सरकारी और विकास कार्यो में अपनी भागीदारी निभा रहा है उसका मोटरसाइकिल पेट्रोल भत्ता आदेश अब तक    जारी नही हुआ।
2- इसी तरह 30-35 वर्षों सेवा के उपरान्त भी सैकड़ो कर्मिकों को विभागीय और शासन की लापरवाही के चलते पुरानी पेंशन से वंचित रखा गया। नई पेंशन व्यवस्था    में भारी खामियों के मद्देनजर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू
3- कराने की व्यवस्था लागू करने तथा पुरानी पेंशन के पक्ष में सत्तारूढ़ दल के माननीय विधायकों, सांसदों तथा  वर्तमान मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश संस्तुति का        अनुपालन अब तक नही किया गया।
4-कैशलैस इलाज के लिए अस्पतालों का चयन और अनुबंध कर लाभ दिलाने का क्रियान्वयन।
5- 50 वर्ष के उपर सेवानिवृत्ति में गाइडलाइन बनाकर पारदर्शिता से कार्य करने तथा मनमानापन रोके जाने।
जैसे मुद्दे अभी भी लटके पड़े। परिषद की बैठक में कहा गया परिषद ने पूर्व में निर्णय लिया था कि नई सरकार बनने के छह माह तक कोई भी आन्दोलन कार्यवाई नही की जाएगी। उसी के तहत माननीय मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग की गई और समय मिलने पर परिषद का प्रतिनिधि मण्डल ने विस्तार से चर्चा की और माननीय मुख्यमंत्री ने जो सकारात्मक आश्वासन देते हुए सभी संवर्ग की समस्याओं के निस्तारण, सम्बंधित विभागों के प्रमुख सचिव से वार्ता के उपरान्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। माननीय मुख्यमंत्री के साथ वार्ता के उपरान्त परिषद का प्रतिनिधि मण्डल सप्तम् वेतन आयोग की अध्यक्षा वृन्दा स्वरूप से भी कर्मचारी संवर्ग की व्याप्त वेतन विसंगतियों से अवगत करा चुका है। उनके द्वारा भी प्रदेष कर्मिकों को केन्द्र के अनुसार महंगाई भत्ता तथा अन्य विसंगतियों को शीघ्र दूर करने का आश्वासन दिया गया है। इसके उपरान्त परिषद ने आज अपनी वृहद कार्यकारिणी की बैठक में सभी नेताओं के विचार सुनने के बाद फिलहाल इस आशय के साथ अगले आन्देालन को स्थगित कर दिये है कि अगर सरकार परिषद के साथ हुई वार्ता के क्रम में सरकार वादाखिलाफी करेगी तो परिषद अपनी पहचान के अनुरूप  प्रान्त व्यापी आन्दोलन के लिए तैयार है। बैठक में सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रदेशव्यापी भ्रमण कर सम्बद्ध घटक संगठनों से सेवा संबंधी समस्याओं तथा परिषद की जिला शाखाओं के निर्वाचन/गठन पर विशेष जोर दिया जाएगा। परिषद को मजबूत करने के लिए जनपद स्तरीय बैठक जारी रखी जाए। बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष यदुवीर सिंह, संगठन मंत्री संजीव गुप्ता, संयुक्त मंत्री अविनाश चंद श्रीवास्तव, अतिरिक्त महामंत्री सुभाष तिवारी व अमिता त्रिपाठी, वाइस चेयरमैन संघर्ष समिति अमरजीत मिश्रा, शैलेन्द्र प्रताप सिंह(वन विभाग), संतोष तिवारी (विशिष्ठ बीटीसी),दिवाकर राय, अनुज शुक्ला (विशेष शिक्षक एसो.), अशोक सिंह(अमीन संघ), जमील अहमद (राजस्व निरीक्षक संघ) अवधेष सिंह (सिंचाई संघ), रमेष कनौजिया (ई0एस0आई0 फार्मेसिस्ट कर्मचारी संघ), लघु सिंचाई विभाग लेखा व लेखा परीक्षक संघ, सिंचाई राजस्व अधिकारी संघ के अलावा सम्भागीय परिवहन कर्मचारी संघ, शिक्षा चिकित्सा, आन्तरिक लेखा परीक्षा, सहकारी लेखा परीक्षा, अधिनस्थ संाख्यकी, ड्राइंग स्टाफ एसो.यूपी, टेक्नीकल एसो.,उद्यान, कृषि अधिनस्थ सेवा संघ, ईसीजी एसो. मातृत्व शिशु कल्याण सहित लगभग 50 से अधिक विभागों के पदाधिकारी बैठक में मौजूद थे।

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