संवाददाता राज इटौंजा
लाखों रुपए का बजट आने के बाद भी गांवों की नहीं बदली तस्वीर
इटौंजा। इटौंजा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में प्रधानों का कार्यकाल लगभग 5 वर्ष व्यतीत हो चुका है। इस दौरान ग्राम पंचायतों में विकास कार्य करने के लिए लाखों रुपया भी प्राप्त हुआ। लेकिन उसके बावजूद भी ग्राम पंचायतों की तस्वीर नहीं बदल सकी है। गांव में घरों के सामने बहता गंदा पानी आने जाने के लिए उबड़ खाबड़ रास्ता आज भी नागरिकों के लिए समस्याएं बनी है। जिन से निजात नहीं मिल सकी है। क्षेत्र में गोधना आरंबा सरसावा रसूलपुर कायस्थ शिवरी बहेड़ा रामपुर उसरना कपासी भगवतीपुर अचरा मऊ सभी की स्थिति एक जैसी है वहीं दर्जनों ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही देखने को मिल रही है। इसी तरह क्षेत्र की अन्य ग्राम पंचायतों में भी विकास कार्य करने के लिए लाखों रुपया प्राप्त हुआ ।लेकिन नागरिकों को आज भी नारकीय जीवन गुजर बसर करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। गांव में गंदगी टूटी फूटी नालियां सड़कों पर बहता पानी टूटे शौचालय बदहाल खड़ंजा जैसी समस्याएं विकास कार्य की पोल खोल रही हैं। वही स्थित बिंधौरा गांव का हाल तो मानो ये है कि, मानव सदियां बीत गई हो और रोड के लिए खड़ंजा तक ना बिछाया गया हो जी हां बता दें कि आलम यह है कि स्थानीय निवासियों के आगमन को लेकर कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है जिसके चलते तरह तरह की बीमारियां भी पनपती रहती हैं। बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि जहां सीएम योगी आदित्यनाथ गड्ढा मुक्त के बड़े-बड़े वादे करते हैं तो इन विषम परिस्थितियों में आखिर क्यों गांव के प्रधान सीएम योगी की छवि को लाल में मिलाने का काम कर रहे हैं क्या यूपी के राजा के दिशा निर्देश कोई मैंने नहीं अगर है तो क्यों बिल खोरा गांव के ग्राम प्रधान दिनेश वर्मा गांव की हालत को अनदेखी कर आम जनता के साथ खेल रहे हैं।