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किसानों की समस्याओं के निराकरण व जानकारी के लिए प्रत्येक जनपद में एक वाहट्सअप ग्रुप बनाया जाये-मण्डलायुक्त

        लखनऊ |  मण्डलायुक्त श्री अनिल गर्ग ने मण्डल के जिलाधिकारियो, मुख्य विकास अधिकारियों तथा कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे मण्डल के किसानों  को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक, प्रमाणित बीज और कीटनाशक दवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसानो से जुडी सूचनाएं, नीतियाॅं एवं कार्यक्रम किसानों तक पहुंचाने के लिए एवं उनकी समस्याओं के निराकरण व जानकारी के लिए प्रत्येक जनपद में एक वाहट्सअप ग्रुप बनाया जाये जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, जनपद व विकास खण्ड के कृषि विभाग से सम्बन्धित अधिकारी एवं प्रत्येक ब्लाक के पांच किसानों को ग्रुप में सम्मिलित किया जाये। जिससे किसानों की समस्याओं का पता चल सके और उनका निस्तारण समय से कराया जा सके। मण्डलायुक्त श्री अनिल गर्ग की अध्यक्षता में लखनऊ मण्डल की खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन आज आवास विकास परिषद नवीन भवन के सभागार में किया गया, जिसमें कृषि वैज्ञानिकों द्वारा खरीफ फसल से सम्बन्धित तकनीकी ज्ञान एवं प्रगतिशील किसानों की समस्याओं का निस्तारण किया गया और खरीफ फसलों  के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए अपनायी जाने वाली रणनीति पर विचार किया गया। मण्डलायुक्त श्री अनिल गर्ग ने दीप प्रज्जवलित कर मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का शुभारम्भ किया और कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोष्ठी के माध्यम से  किसानों को नई-नई योजनाओं तथा उन्नत तकनीकी  जानकारी से अवगत कराया जाता है  जिसमें किसानों तथा विभागीय अधिकारियों व उच्चधिकारियों के साथ सीधे संवाद के आदान प्रदान से कोई न कोई समाधान जरूर निकलता है। उन्हंोने कहा कि खेती की उत्पादकता और गुणवत्ता में वृद्धि के लिए किसानों को नई-नई तकनीको को अपनाकर उत्पादकता व गुणवत्ता को सुधारने के प्रयास करने होंगे। उन्होने कहा कि नई तकनीकी हमेशा लाभदायक होती है, पुरानी तकनीक पर निर्भर न रहकर आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रयोग करना समय की आवश्यकता है।
     मण्डलायुक्त ने कहा कि  प्रत्येक जिलाधिकारी प्रत्येक ब्लाक में एक प्रगतिशील किसान के यहां अवश्य जायें। उन्होंने कहा कि अपने भ्रमण के दौरान आर्गनिक विधि से खेती करने वाले/प्रगतिशील किसानों के यहां जायें। मण्डलायुक्त ने कहा कि  मण्डल में कहीं भी खाद बीज व उर्वरकों की कमी नहीं है तथा कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु खाद, बीज, कृषि यंत्रों, सोलर पम्पों, विद्युत पम्पों पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे किसानों को देने के लिए डी0बी0टी0 की पारदर्शी प्रणाली अपनाई गयी है। जिसका किसानों को भरपूर लाभ उठाना चाहिए। उन्होने कहा कि विभागीय योजनाओं के प्रति संवेदनशील रहकर प्रभावी क्रियान्वयन करें जिससे किसानो की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही किया जा सके। इस अवसर पर तीन दर्जन प्रगतिशील किसानों को मृदा कार्ड परीक्षण तथा निःशुल्क फसल के बीज प्रदान किये गये।  कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि फसल चक्र में दलहनी फसलों को अवश्य शामिल करें जिससे मिट्टी की मृदा शक्ति बढेगी मृदा परीक्षण के उपरान्त उचित मात्रा में ही उर्वरकों का प्रयोग किया जाये। उन्होंने बीज उपचार को जरूरी बताते हुए कहा कि इसके करने से कीटों से फसल की रक्षा करने में मदद मिलेगी। फसल से कीटों की सुरक्षा के लिए सतत मानीटरिंग की जाये।
      संयुक्त निदेशक श्री आनन्द त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ मण्डल लखनऊ मण्डल का कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 30.00 लाख हे0 है, जिसमें खरीफ हेतु कुल 14.62 लाख हे0 में खरीफ फसलों की खेती की जाती है। मण्डल का शुद्ध सिंचित क्षेत्रफल लगभग 86 प्रतिषत है। लघु सीमान्त कृषकों की संख्या 92.37 प्रतिषत है।  श्री त्रिपाठी ने बताया कि मण्डल में खरीफ की मुख्य फसल धान है गत वर्ष खरीफ में कुल 20.69 लाख मी0टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ था, जिसमें चावल के रूप में धान का 7.66 लाख मी0टन उत्पादन कर   23.74 कुं0/हे0 उत्पादकता प्राप्त की गई है। वर्ष 2017 में कुल 21.71 लाख मी0टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें धान का 18.55 लाख मी0टन उत्पादन एवं 24.95 कुं0/हे0 उत्पादकता का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होने बताया कि इस तरह मण्डल में कुल खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य गत वर्ष की तुलना में 4.93 प्रतिषत अधिक है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु 10.53 लाख हे0 में खरीफ फसलों के आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खरीफ 2017 में 100072 कंु0 बीज वितरित किया जायेगा। जिसमें से 83510 कुं0 धान बीज का वितरण किया जायेगा तथा दलहनी बीज 8632 कुन्तल एवं 5752 कंु0 तिलहनी फसलों के बीजों का वितरण किया जायेगा। अबतक मण्डल में खरीफ में कुल 84471 कुं0 बीजों की उपलब्धता सुनिष्चित की जा चुकी है जो लक्ष्य का 84.41 प्रतिशत है। अधिकतम् उत्पादन प्राप्त करने हेतु संकर बीजों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसान पारदर्शी सेवा योजनान्तर्गत पंजीकृत कृषकों को अनुदान की धनराशि डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डी0बी0टी0) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में स्थानान्तरित की जायेगी। खरीफ 2016 में यूरिया 308878 मी0टन, डी0ए0पी0 146551 मी0टन, एम0ओ0पी0 8306 मी0टन, एन0पी0के0 39096 मी0टन तथा एस0एस0पी0 14350 मी0टन का वितरण हुआ था। खरीफ 2017 में यूरिया 322055 मी0टन, डी0ए0पी0 49908 मी0टन, एम0ओ0पी0 4721 मी0टन, एन0पी0के0 21187 मी0टन तथा एस0एस0पी0 26174 मी0टन वितरित किया जायेगा। खरीफ 2017 में 9.81 लाख लीटर/कि0ग्रा0 कृषि रक्षा रसायन वितरण का लक्ष्य निर्धारित है तथा बायोपेस्टीसाइड एवं बायोएजेन्ट्स के उपयोग को प्रोत्साहन देने के फलस्वरुप 2.47 लाख कि0ग्रा0/लीटर बायोपेस्टीसाइड, 1.35 लाख कि0ग्रा0 ट्राइकोडरमा एवं 0.04 लाख ट्राइकोकार्ड का वितरण प्रस्तावित है। उर्वरक एवं कृषि रक्षा रसायन प्रत्येक जनपद में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। वर्ष 2016-17 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजनान्तर्गत मण्डल में कुल 1472352 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का लक्ष्य निर्धारित है तथा इस योजनान्तर्गत अप्रैल 2017 से अब तक 165331 मृदा स्वास्थ्य कार्डो का वितरण किया जा चुका है। उन्होने कहा कि यदि किसानों को कोई समस्या है तो वह अपनी समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग के  वाहट्सअप  नम्बर 09452247111 व 9452257111 पर अपनी समस्या भेज सकते हैं।
गोष्ठी में सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारियों के द्वारा अपने-अपने जनपद से सम्बन्धित कृषि रणनीति की जानकारी देते हुये महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किये गये। गोष्ठी में जनपदो से आये कृषकों को कृषि निवेश, संकर बीज, मिनीकिट एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित कराकर सम्मानित किया गया। कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा खरीफ फसलों की उत्पादन तकनीकी का विस्तार से कृषकों को अवगत कराया गया तथा उनकी तकनीकी समस्याओं का समाधान किया गया। गोष्ठी में  लखनऊ के जिलाधिकारी श्री कौशलराज शर्मा, रायबरेली के जिलाधिकारी श्री अभय सिंह, खीरी के जिलाधिकारी श्री अकाशदीप, हरदोई की जिलाधिकारी सुश्री शुभ्रा सक्सेना, सीतापुर की जिलाधिकारी सुश्री सारिका मोहन,  उन्नाव की जिलाधिकारी सुश्री अदिति सिंह, मण्डल के सभी मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, कृषि, सहकारिता, कृषि रक्षा, सिंचाई विद्युत, मण्डी परिषद आदि विभागों के अधिकारी तथा कृषि वैज्ञाानिकगण एवं मण्डल के जिलों के प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।

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