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वैक्सीन सुरक्षित है, यह जान बचाती है

24-30 अप्रैल तक विश्व टीकाकरण सप्ताह मनाया जाएगा
लखनऊ । विश्व टीकाकरण सप्ताह हर साल अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह( 24 -30 अप्रैल) में मनाया जाता है | इस सप्ताह को मनाने का मुख्य उद्देश्य सभी आयु वर्ग के लोगों को बीमारी से बचाने के लिए टीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है व लोगों में इसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है |
इस वर्ष इस अभियान की थीम है `Protected Together: Vaccines Work!’ और इस वर्ष यह अभियान विश्व में वैक्सीन हीरो अर्थात माता पिता, समुदाय , स्वास्थ्य कार्यकर्ता व नवोन्मेषकों का जश्न मनाएगा जो यह स्थापित करते हैं कि सभी उम्र में हम टीकों के द्वारा ही सुरक्षित हैं |
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी)
भारत में 1978 में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया और 1985 में सार्वभौमिक टीकाकरणकार्यक्रम(UIP)में इसका रूपान्तरण हुआ | यह कार्यक्रम विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है | इसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा भी निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है, जिसमें पेंटावेलेंट (डिप्थीरिया , काली खांसी, हिपेटाइटिस बी, टिटेनस, हेमोफिल्ट्स इंफ्लुएंज़ा टाइप बी संक्रमण ), मेनिंजाइटिस, पोलियो, टीबी, खसरा, निमोनिया, व जेई प्रभावित जिलों में जेई का टीका तथा यूआईपी के तहत नए टीके जैसे रोटा वायरस, आईपीवी , वयस्क जेई का टीका, न्यूमोकोकल कंजुगेट टीका (पीसीवी) और खसरा-रूबेला (एम-आर ) शामिल हैं |
मिशन इंद्रधनुष (एमआई)
भारत सरकार ने सभों बच्चों व गर्भवती महिलाओं का सम्पूर्ण टीकाकरण कवरेज़ प्राप्त करने और यूआईपी को मजबूत बनाने एवं पुनः ऊर्जा देने के लिए 2014 में “मिशन इंद्रधनुष”अभियान शुरू किया | नेशनल हेल्थ पोर्टल के अनुसार , इससे पहले पूर्ण टीकाकरण कवरेज़ एवम वृद्धि प्रतिवर्ष 1% थी जो की मिशन इंद्रधनुष के पहले 2 चरणों के माध्यम से प्रतिवर्ष 6.7% हो गयी है |
सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई)
टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लाने के उद्देश्य से 8 अक्टूबर 2017 को सघन मिशन इंद्रधनुष का शुभारंभ किया गया इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी बच्चों और उन गर्भवती महिलाओं तक पहुँचना है, जो नियमित रूप से टीकाकरण कार्यक्रम के तहत छूट गए हैं | इसके अतिरिक्त 10 वर्ष , 16 वर्ष व गर्भवती महिलाओं के लिए टिटेनस के स्थान पर टिटेनस व वयस्क डिप्थीरिया (टीडी) के टीके की शुरुआत हुयी है |
एनएचपी इंद्रधनुष टीकाकरण (मोबाइल एप्लिकेशन)
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने माता पिता और अभिभावक को अपने बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में जागरूक और टीकाकरण की स्थिति पर नज़र रखने(ट्रेक) के लिए मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारंभ किया है | इस एप्लिकेशन को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है |
मुख्य तथ्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2017 के दौरान लगभग 116 मिलियन लोगों को डिप्थीरिया, पर्टुसिस व टिटनेस के इंजेक्शन लगे हैं वहीं किसी कारणवश एक वर्ष से कम आयु के लगभग 19.9 मिलियन बच्चों को डीपीटी-3 का टीकाकारण नहीं मिला है | यदि वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम में सुधार होता है तो लगभग 1.5 मिलियन मौतों को रोका जा सकता है |
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में अभी तक लगभग 20 लाख ऐसे बच्चे हैं जिनका या तो टीकाकरण नहीं हुआ या उनका टीकाकरण चल रहा है |
नेशनल हैल्थ पोर्टल के अनुसार, खसरे के टीकाकरण के द्वारा दुनिया में 2000-2016 के बीच खसरे से होने वाली मौतों में 84% की कमी आई है |
नेशनल हैल्थ पोर्टल के अनुसार, वर्ष 1988 से पोलियो के मामलों में 99% से ज्यादा की कमी आई है | वर्ष 1985 में पोलियो 125 देशों में था जबकि वर्तमान में पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान व नाइजीरिया में पोलियो स्थानिक है |
नेशनल हैल्थ पोर्टल के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2014 में भारत को पोलियो मुक्त कर दिया था |
राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-4) के अनुसार भारत में 12-23 माह की आयु वर्ग के 62% बच्चों में पूरी तरह से टीकाकरण(बीसीजी,खसरा, पोलियो की तीन ख़ुराकें) पाया गया, जबकि उत्तर प्रदेश में 67.8 % और लखनऊ जिले में इसका प्रतिशत 58.8 है |
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, लखनऊ डॉ. एम के सिंह ने बताया कि इस अभियान में लोगों को यह संदेश दिया जायेगा कि वैक्सीन के द्वारा हर एक को बचाया जा सकता है और माता पिता के साथ-साथ सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों के मध्य वैक्सीन की ताकत पर ज़ोर दिया जाएगा | टीकाकरण के द्वारा जानलेवा बीमारियों से बचाया जाता है तथा सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में मुफ्त लगाया जाता है | डॉ. सिंह ने बताया कि मीसल्स – रूबेला टीकाकरण अभियान के तहत नवम्बर से जनवरी माह तक 9 माह से 15 वर्ष की आयु के लगभग 17.06 लाख बच्चों को टीका लगा | विशेष जेई अभियान के तहत 25 फरवरी से 8 मार्च तक 15 वर्ष तक के ऐसे बच्चे जिन्होने अभी तक जेई का टीका नहीं लगा है, ऐसे लगभग लगभग 1.14 लाख बच्चों को टीका लगाया गया | डॉ. सिंह ने बताया कि मानिटरिंग एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्तमान में लखनऊ जिले के 84% बच्चे पूर्ण प्रतिरक्षित हैं |

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