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सूत्र बताते हैं एल डी ए उपाध्यक्ष के भ्रष्टाचार की दासता

सृजन विहार में बनी अवैध कोलोनी में एल डी ए उपाध्यक्ष के बने सपनों के महल का आखिर क्या है सच
लखनऊ। एक ओर लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्र मणि त्रिपाठी अपने को ईमानदार साबित करने में लगे हुए हैं यहाँ तक कि शासन को भ्रामक आंकड़े देकर अपने नंबर बढ़ाने में लगे हैं। वो चाहे लखनऊ के विकास से संबंधित योजनाएं हों या अवैध निर्माणों से संबंधित सूचनाएं हो। यहाँ तक कि वास्तविक तथ्यों को मीडिया से भी दूरी बनाकर छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। लवाना होटल प्रकरण में निर्दोष कर्मचारियों को दोषी साबित करते हुए शासन को झूठी सूचना देने से लेकर अवैध निर्माणों को सील करने से लेकर उनके ध्वस्तीकरण की मिथ्या व अधूरी सूचनाएं शासन को देने में कोई परहेज नही किया है। सूत्रानुसार सृजन विहार में अवैध कॉलोनी में निर्माणाधीन एक सपनोँ के महल की चर्चा जोरों पर है जो एक आई ए एस द्वारा बनवाया जा रहा है यह आई ए एस और कोई नही लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष स्वयं इन्द्रमणि त्रिपाठी बताए जा रहे हैं ।सूत्रानुसार उपाध्यक्ष की भ्रष्टाचार की कमाई से निर्मित सृजन विहार में अवैध कॉलोनी में सपनो का महल की चर्चा मीडिया व आम जनता में एक चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा इस बात की है कि यह सपनो का महल उपाध्यक्ष की भ्रष्टाचार की काली कमाई से बनाया गया है महल किसी संबंधी के नाम से हो पर उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण की काली कमाई से बनाया गया है यह एक सवाल बनकर रह गया है कि आखिर यह सपनोँ का महल का मालिक कोंन है और किसकी कमाई से यह निर्मित हुआ है वो भी एक अवैध कॉलोनी में। इस अवैध कॉलिनी पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अभीतक ध्वस्त करने की प्रक्रिया क्यों नही प्रारंभ की है। यह सपनो के महल जिस जमीन पर बना है उज़की कीमत 7000 रुपये प्रति स्क्वायर फिट है और यह 10 से 15 हजार स्क्वायर फिट में बना है साथ ही सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त है जिसकी कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये है। अब गौरतलब बात तो यह है कि निर्माण में खर्च की जा रही यह करोड़ो की धन राशि कहा से आ रही है क्या सच मे इस सपनों के महल का मालिक स्वयं उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण इन्द्रमणि त्रिपाठी है या कोई सगा संबंधी एक चर्चा का विषय बनकर रह गया है। अब देखना यह है कि शासन उक्त प्रकरण में निष्पक्ष जांच करके क्या कार्यवाही करता है। उक्त प्रकरण में अवध की आवाज़ के प्रतिनिधि ने उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण से जानकारी 3 बार काल करके लेनी चाही तो एक भी काल नही उठाई गई। प्रतिनिधि के जब उपाध्यक्ष त्रिपाठी से sms करके जानकारी ली तब उन्होंने sms का जवाब देकर कहा कि कोई तथ्य हो तो दीजिये उन्हें कुछ लोग बदनाम करना चाहते उन्होंने अपने वकील से बदनाम करने  वालों को नोटिस भिजवा दिया है। सच क्या है यह एक जांच का विषय है।

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