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परिवहन निगम पर भ्रष्टाचार का आरोप, रोडवेज कर्मी आमरण अनशन पर

लखनऊ। राजधानी के परिवहन निगम मुख्यालय पर गुरुवार को रोडवेज के संविदा कर्मचारियों ने विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं और साथ ही रोडवेज प्रशासन और सरकार से रोडवेज अधिकारियों की भूमिका की जांच कराने की मांग की है। रोडवेज प्रशासन पर कर्मचारी हितों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर रोडवेज विभाग के संविदा कर्मी लखनऊ के परिवहन निगम मुख्यालय पर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। पहले तो संविदा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया। लेकिन जब प्रबंधन ने उनके उनकी मांगों की अनदेखी की तब उनका प्रदर्शन पिछले कई दिनों से आमरण अनशन में बदल गया है। रोडवेज प्रबंधन पर संविदा कर्मचारियों ने लगाया करोड़ों रुपए के गबन करने का आरोप रोडवेज संविदा कर्मियों की मांग है की संविदा कर्मियों को विभागीय नियमानुसार स्थाई किया जाए और नए संविदा कर्मचारियों की भर्ती करने की बजाय विभाग में स्थाई भर्तियां की जाए। मीडिया से बात करते हुए उत्तर प्रदेश संविदा कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि प्रबंधन संविदा कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार फैलाने के आरोप लगाता है। मगर सच्चाई यह है कि संविदा कर्मचारियों के ईपीएफ की राशि कहां है। इस बारे में बताने को रोडवेज प्रबंधन का कोई भी अधिकारी बताने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि आमरण अनशन पर बैठे होने के कारण कई कर्मचारियों की हालत इतनी बिगड़ गई। उन्हें बलरामपुर हॉस्पिटल भर्ती कराया गया और अभी भी कई कर्मचारियों की हालत आमरण अनशन की वजह से नाजुक बनी हुई है। मगर रोडवेज प्रबंधन का कोई भी सीनियर अधिकारी मौके पर जाकर उनसे बात करने को तैयार नहीं है। उत्तर प्रदेश संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ओमेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि मांगे ना पूरी होने तक कर्मचारियों का आमरण अनशन यूं ही जारी रहेगा और अगर जरूरत पड़ी तो कर्मचारी विधानसभा का घेराव भी करेंगे। मगर मांगे पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे।

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