प्रियंका 1999 से देख रही अमेठी-रायबरेली का चुनाव
लखनऊ। यूपी की अमेठी और रायबरेली संसदीय सीट कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे खास और वीवीआईपी है। इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रतिष्ठा का सबब बन गई हैं। रायबरेली से सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद उनके बेटे और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं।अमेठी से सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि केएल शर्मा पर पार्टी ने दाँव लगाया है, पार्टी ने अपने गढ़ को जीतने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी को दी है, जिसके लिए प्रियंका रायबरेली आ धमकी हैं। उन्होंने मिशन फतह अमेठी और रायबरेली खातिर प्लान तैयार केलर लिया है। रायबरेली और अमेठी में अस्तित्व की बचाने की लड़ाई है। अगले चरण में उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की गढ़ वाली सीट पर चुनाव है।प्रियंका गांधी को इस लड़ाई में अपने पारिवारिक विरासत को बचाने के साथ अमेठी की कांग्रेस के खाते में वापसी भी करनी है। रायबरेली और अमेठी में 20 मई को मतदान है और प्रियंका गांधी की टीम इस दफा 2019 की गलती नही दोहराना चाहती। पिछली बार लोकसभा चुनाव में प्रियंका यूपी की महासचिव थी और मात्र 3 दिन ही प्रचार किया था लेकिन इस बार पार्टी का लक्ष्य सिर्फ राहुल गांधी की जीत के साथ ही जीत का मार्जिन वायनाड से ज्यादा करना है। 2019 में राहुल गांधी ने वायनाड में 4 लाख तीस हजार वोटों से जीतकर केरल में रिकॉर्ड तोड़ा था।1999 से प्रियंका उत्तरप्रदेश में स्टार प्रचारक रही हैं।वे उ अमेठी-रायबरेली के हर गाँव हर रास्ते से वाकिफ है।प्रियंका बीजेपी पर बहुत आक्रामक है और बीजेपी के हर हमले का जवाब दिया है। इसीलिए वो चुनावी मैदान में न आकर प्रचार की कमान थामी है। अमेठी-रायबरेली में चुनाव प्रबंधन की कमान प्रियंका गांधी सम्भाल रही है लेकिन पार्टी ने सीनियर ऑब्जर्वर के तौर पर दो पूर्व मुख्यमंत्री लगा दिये हैं जिसमे भूपेश बघेल रायबरेली और अशोक गहलोत अमेठी में प्रचार का कामकाज देखेंगे। पार्टी दोनों सीटो को लेकर गंभीर है।12 दिनों के चुनाव प्रचार में रोज 500 लोगों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा है जिसको पूरा करने लिए औसतन 20 गाँव जाना होगा, प्रियंका गांधी ने इसके लिए 500 लोगों की विश्वसनीय टीम तैयार है जो दोनों लोकसभा सीटो की डेली रिपोर्ट लीडरशिप को सौंपेंगी।डोर-टू-डोर प्रचार के साथ हो बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को फोकस तरीके से काम दिया जाएगा। सिर्फ रायबरेली में लगभग 8000 कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखा गया है की वो पार्टी के घर-घर पहुँच कर कांग्रेस गारंटी की बात करे और सोशल मीडिया के जरिये बीजेपी के खघ्लिाफ माहौल बनाये जिसमे एक साथ 5000 से ज्यादा कांग्रेस वॉलंटियर्स सरकार के खघ्लिाफ चुनावी कैंपेन पर एक ही तरह के पोस्ट करे वही पार्टी को अपने इंटरनल सर्वे के जरिये ये पता चला है की अमेठी में स्मृति ईरानी के खघ्लिाफ वोटरो में नाराजगी है, उसे भी कांग्रेस भुनाने की कोशिश करेगी। सियासी जानकार मानते है कि गांधी परिवार के खलिाफ स्मृति ईरानी जितना बयान देगी पार्टी को उतना ही फायदा होगा। अमेठी कई लोगों को कहना है कि स्मृति ने अमेठी खातिर ऐसा कुछ खास नही किया है कि राहुल गांधी की याद न आये। कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली को हमेशा तवज्जो ज्यादा दी है।