लखनऊ | विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर कलेक्ट्रेट के डा.एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में स्तनपान पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम है सशक्त अभिभावक सुगम स्तनपान आज व बेहतर कल के लिए इस कार्यशाला में जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा ,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ,समस्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जनपद के सभी चिकित्सालयों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक तथा नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की अधिक्षिकाएं,आई सी डी एस. एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं यूनिसेफ ,डब्ल्यूएचओ,यू एन डी पी, माइक्रोन्यूट्रिएंट इनीशिएटिव के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे ।कार्यशाला में वीरांगना अवंतीबाई चिकित्सालय लखनऊ के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सलमान खान ने बताया कि मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए स्तनपान बेहद जरूरी है ।उन्होंने बताया कि मां का दूध बच्चे के लिए बेहद सुपाच्य होता है तथा प्रथम 3 दिनों तक निकलने वाले गाढ़े पीले दूध जिसे कोलोस्ट्रम भी कहते हैं ,उसमें अनेक पौष्टिक तत्व होते हैं जो बच्चे को न सिर्फ संक्रमण से बचाते हैं बल्कि उसके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करते हैं। प्रसव के बाद 1 घंटे के भीतर शिशु को मां का दूध पिलाना जरूरी है ।नियमित रूप से स्तनपान कराने वाली माताओं को भी लाभ होता है ।उनमें मोटापा, ओवेरियन कैंसर तथा ब्रेस्ट कैंसर की समस्या नहीं होती। डॉक्टर सलमान ने कहा कि सर्दी जुकाम होने पर भी माताओं को बच्चों को स्तनपान कराना बंद नहीं करना चाहिए।मां को कोई भी बीमारी हो,स्तनपान बंद नहीं करना चाहिए। ।उन्होंने बताया कि डिब्बाबंद दूध बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। डिब्बाबंद दूध में प्रिजर्वेटिव मिलाए जाते हैं जो प्रोटीन, विटामिन तथा कैल्सियम को खत्म कर देते हैं ।इससे बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती है ।वे देखने में जरूर सुंदर लगते हैं लेकिन वास्तव में इससे बच्चे कमजोर हो जाते हैं । डॉक्टर सलमान ने बताया कि माताओं को बच्चों को 2 साल तक स्तनपान कराते रहना चाहिए और 6 महीने तक केवल मां का दूध ही बच्चे के लिए काफी होता है। 6 महीने तक के बच्चे को ऊपर से पानी पिलाने या दूध पिलाने की जरूरत नहीं होती।उन्होंने सभी से यह अपील भी की कि प्रत्येक कार्यालय में ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर अवश्य बनबा दें।