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लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के आइजीआरएस पोर्टल की शिकायतों का निस्तारण मनगढंत व फर्जी

लखनऊ। उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के सख्त निर्देशों के वावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा खुलेआम राजधानी की प्रमुख सड़को पर नियम विरुद्ध अवैध निर्माण बिल्डरों से मिलीभगत करके करवाये जा रहे है। इतना ही नही जनहित में माननीय मुख्यमंत्री जी के आइजीआरएस पोर्टल के माध्यम से आने वाली शिकायतों का निस्तारण भी मनगढंत व फर्जी आख्याएँ देकर कर दिया जाता है। बात यही पर खत्म नही होती है अभियंताओं और सुपरविजरों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के आइजीआरएस पोर्टल पर की गयी जनहित में शिकायतों के करने वालों का मोबाइल नंबर व उनके बारे में समस्त जानकारी देकर गोपनीयता को उजागर कर भांग किया जा रहा है जो कि यह कृत्य एक संगीन अपराध की श्रेणी में आता है। इस कृत्य की वजह से शिकायत कर्ता कि जानमाल को खतरा उत्पन्न हो जाता है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के नियमों के विपरीत पीजीआई क्षेत्र में फैमिली बाजार के बगल में बने नियम विरुद्ध निर्माण की माननीय मुख्यमंत्री जी के आइजीआरएस पोर्टल पर दिनॉक 22 -6 -2021 को आईजीआरएस संख्या 40015721042763 पर शिकायत की गई थी । शिकायत का निस्तारण लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियो द्वारा मनगढ़ंत आख्या देकर फर्जी निस्तारण किया गया है, शिकायत निस्तारण करने वाले अधिकारी के द्वारा समन शुल्क जमा करने का उल्लेख किया गया है और न ही किसी नोटिस का उल्लेख किया है जिसके तहत नियम विरुद्ध हुए अवैध निर्माण के खिलाफ कारवाही की गयी है। नियम विरुद्ध बने बहुमंजिला व्यवसाइक निर्माण का लखनऊ विकास प्राधिकरण के किस नियम के तहत समन शुल्क जमा किया गया है और न ही प्रमाणित आख्या निस्तारण के समय संलग्न नही की गयी है। जिस अभियंता व सुपरवाइजर के संरक्षण में यह इतना बड़ा अवैध निर्माण हुआ है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है का कोई विवरण नही दिया गया है। सच तो यह है कि समन प्रक्रिया भी नियमों को ताख पर की गई है । उत्तर प्रदेश नगर योजना विकास अधिनियम 1973 की किस धारा के तहत किस दिनॉक को कार्यवाही की गई का तिथि वर्ष आदि अँकित नही किया गया है। शिकायत का फर्जी निस्तारण करने वाले अधिकारी,मानचित्र के नियम विरुद्ध मानचित्र पास करने वाले अधिकारी व् अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले अधिकरियों के विरुद्ध मानचित्र नियमो के विपरीत बहुमंजिला निर्माण कराने वाले भूखण्ड स्वामी के साथ ही नियम विरुद्ध व्यवसाइक के विरुद्ध भी आवश्यक कार्यवाही होनी चाहिए वो नहीं की गयी है। अब देखना यह ही की उपाध्यक्ष महोदय इस प्रकरण पर क्या कार्यवाही करते है ?

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