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लविप्रा प्रवर्तन जोन 7 में नक्खास में प्राधिकरण की बनी हुई दुकानों की छत पर हुए अवैध निर्माण को सील कर बने ईमानदार

अवर अभियंता व सहायक अभियंता की भ्रष्ट कार्यशैली के चलते चंद्र कदमों की दूरी पर बन रहे अन्य अवैध निर्माण पर न हुई सीलिंग कार्यवाही और नही रोका गया अवैध निर्माण

आखिर अवैध निर्माण को नोटिस के बाद अवर अभियंता व सहायक अभियंता ने अभी तक सील क्यों नही किया गया सील ?

अवध की आवाज़
लखनऊ । लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रवर्तन जोन 7 में सहायक अभियंता व अवर अभियन्ता की तुगलकी भ्रष्ट पक्षपात से परिपूरित कार्यशैली स्पष्ट रूप से सामने नजर आने लगी है। मामला थाना चौक के अंतर्गत नक्खास मार्केट में एलडीए दस्ते द्वारा की गई कार्यवाही का सामने आया है। नक्खास स्थित राजा होजरी की दूकान पर आज लविप्रा द्वारा हुई सीलिंग कार्यवाही का मामला प्रकाश में आया है। इस दौरान लखनऊ विकास प्राधिकरण की पुलिस व स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में हुई सीलिंग की कार्रवाही के दौरान लगभग 75 वर्षीय दुकान मालिक की हालत बिगड़ी। संज्ञान में आया है कि हार्ट अटैक हुआ है। वहाँ पर मौजूद लोगों ने दुकान मालिक को हॉस्पिटल पहुंचाया। मिली जानकारी के अनुसार वही जहाँ कार्यवाही हुई वहाँ बगल में ही हो रहे अवैध नियम विरुद्ध निर्माण पर केवल नोटिस की कार्यवाही करके खाना पूर्ति करके अवर अभियंता व सहायक अभियंता की भ्रष्ट कार्य शैली के चलते सील नही किया और अवैध निर्माण निरन्तर जारी है। आखिर अवैध निर्माण को अवर अभियंता व सहायक अभियंता ने अभी तक सील क्यों नही किया गया है ? आखिर क्या कारण हैं ? कहीं यह उक्त अधिकारियों की पक्षपात पूर्ण भ्रष्ट कार्यशैली का एक नमूना तो नहीं ? अवैध निर्माण छोटा हो या बड़ा कार्यवाही एक समान होनी चाहिए। एक बड़ा अवैध निर्माण चंद्र कदमो की दूरी पर निरंतर नोटिस होने के बाद भी चल रहा है दुरभि संधि के चलते न तो अवैध निर्माण कार्य को रोका जा रहा हैं और न ही सील किया जा रहा हैं।संज्ञान में आया है कि इस क्षेत्र के सहायक अभियंता इसी जोन में अवर अभियंता के पद पर कार्यरत थे । परंतु सहायक अभियंता के पद पर पदोन्नति होने के बाद ऊंची पहुँच व विभागीय यूनियन के पद पर होने के चलते नियम विरुद्ध तैनाती ली हैं। उसके बाद जो अवैध निर्माण अवर अभियंता के पद पर रहकर पूरा नही करा पाए वो सब सहायक अभियंता के पद का पूरा दुरपयोग करके कराये हैं जो कि एक जाँच का विषय हैं। ऊंची पहुँच व विभागीय यूनियन के पद पर होने के चलते उच्चधिकारी उक्त सहायक अभियंता पर कार्यवाही करने में कतराते हैं। दर्जनों गंभीर शिकायतें होने के बाद भी कई वर्षों से एक ही प्रवर्तन जोन में पदोन्नति होने के बाद भी उच्चाधिकारियों द्वारा विभागीय कार्यवाही न करना शासनादेश संख्या 2239 — आठ – 5 -2017 देवाशीष पांडेय की अवहेलना व उल्लंघन हैं जिसका उच्चाधिकारियों द्वारा पालन करके विभागीय कार्यवाही न करना मिली भगत की ओर इशारा करता हैं। इस विषय पर संज्ञान लेकर उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से सहायक अभियंता जोन 7 को प्रवर्तन विभाग से हटाने की कार्यवाही करना अति आवश्यक है।

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