Home > स्थानीय समाचार > जीवन में सफलता के दो रास्ते होते हैं। एक समस्या, दूसरा समाधान

जीवन में सफलता के दो रास्ते होते हैं। एक समस्या, दूसरा समाधान

लखनऊ। सीएम योगी ने कहा पिछले हफ्ते गोरखपुर गया था। एक परिचित डॉक्टर मुझसे मिलने आए। मेरे हाथ में एक पट्घ्टी बंधी देखकर उन्होंने मुझसे पूछा- क्या हो गया? मैंने कहा कि बड़े-बड़े डॉक्टरों को इसे दिखाया है, लेकिन आराम नहीं मिला। उन्होंने कहा- मैं इसे ठीक कर दूंगा। हमने खर्च पूछा तो बोले सही होने के बदले एक सेल्फी लूंगा। वो जेब में इंजेक्शन भी लेकर आए थे। मैंने कहा इंजेक्शन नहीं लगवाऊंगा। फिर उन्होंने बिना इंजेक्शन लगाए आधे मिनट में मेरा हाथ ठीक कर दिया। उन्होंने कहा बेवजह ऑपरेशन के चक्कर में पड़ते तो 6 महीने बाद फिर समस्या हो जाती। वो एलोपैथी के डॉक्टर थे, लेकिन उन्होंने अपने अनुभव से हाथ को दबाकर ठीक कर दिया। सीएम योगी ने शुक्रवार को लखनऊ में राम मनोहर लोहिया संस्थान के चौथे स्थापना दिवस समारोह में ये बातें कही। सीएम ने 10 डॉक्टरों को सम्मानित भी किया। इस दौरान योगी ने कहा डॉक्टरों को संवेदनशील होना बेहद जरूरी है। यह संभव नहीं है कि एक ही मर्ज पर एक ही दवा फायदा करे। इसके लिए रिसर्च और स्टडी की जरूरत है। लखनऊ में 70 लाख की आबादी है। लोहिया संस्थान पूर्वी यूपी का गेटवे है। बिहार और नेपाल से भी लोग यहां आते हैं। यूपी की 25 करोड़ की आबादी है। जब यहां की आबादी के बारे में कोई सुनता है तो चौंक जाता है। फिर पूछता है कि 25 करोड़ या 25 लाख? हम बताते हैं कि नगर निकाय की आबादी 25 लाख है। विदेशी राजनयिक चौंकते हैं। यह चुनौती है और अवसर भी। जीवन में सफलता के दो रास्ते होते हैं। एक समस्या, दूसरा समाधान। समस्या पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो समस्या ही नजर आएगी। जब मैं समस्या की बात करता हूं तो लोग नई समस्या खड़ी करते हैं। समस्या बहाना बनाने का कारण होती है। समाधान तलाश करेंगे तो वह मिलेगा। केंद्र सरकार ने 70 साल के हर व्यक्ति को 5 लाख की सुविधा मेडिकल के लिए दी है। सीएम राहत कोष में जो भी आता है, हम चेहरा नहीं देखते हैं। सीधे 3 दिन में अस्पताल तक पैसा पहुंच जाता है। जनप्रतिनिधि के स्तर पर भी इस तरह की सुविधा है। समस्या पैसे की नहीं, प्रबंधन की है। अगर सिस्टम से काम किया जाए तो बेहतरीन परिणाम आ सकते हैं। अच्छा करेंगे तो अच्छे परिणाम आएंगे, गलत करेंगे तो उसके दुष्परिणाम भी आपके सामने आएंगे। 2017 के पहले इंसेफ्लाइटिस से मौतें होती थीं, सरकारें सोई रहती थीं। गोरखपुर सांसद रहते मैंने सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाई। 2017 में जब मुख्यमंत्री बना तो इससे निपटने की जिम्मेदारी मेरी हो गई थी। डॉक्टर्स को मरीजों को सही समय पर सोने और उठने की आदत डलवानी चाहिए। दवा से कब तक जिएंगे। अक्सर देखा जाता है कि हमें खुद पर विश्वास नहीं होता है। हम दुनिया की तरफ भागते हैं। एक डॉक्टर के बारे में कहा जाता था कि जितना अनुभवी होगा, उसका लाभ हमें मिलता है। फ्री के नाम पर दवा नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि वह फायदे की जगह नुकसान कर सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *