शिक्षा का अधिकार या लेट आने का अधिकार ?
सुबह 9 :35 तक नहीं खुलता है यह प्राथमिक विद्यालय
राम प्रकाश राय
लखनऊ। प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा को धता बताता ये वीडिओ राजधानी के आलमबाग स्थित बड़ा बरहा, शान्ति नगर का है जहाँ सोमवार 25 सितम्बर सुबह 9 :35 बजे तक कोई अध्यापक नहीं आया है। किराए के भवन में चल रहे इस विद्यालय में अध्यापक-अध्यापिकाओं ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को ही किराए पर चढ़ा दिया है। जर्जर हो चुके इस भवन को देख कर प्रदेश की बेसिक शिक्षा की जर्जरता का पता चलना स्वाभाविक है। भवनस्वामिनी ज्योति ने बताया कि सुबह 10 :00 बजे से पहले यहां कोई नहीं आता है। यदाकदा एक -दो बच्चें आते है जब दोपहर में मिडडे मील आता है। भवन का किराया 87 रुपए 50 पैसे है जो बेसिक शिक्षा विभाग ने जुलाई 2008 से नहीं दिया है। ज्योति ने बताया कि सन 2012 में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से इस जर्जर हो चुके इस भवन में कक्षाएं चलने से लिखित रूप में मना कर दिया था और इस शान्ति नगर प्राथमिक विद्यालय को पास में बने प्रेमवती नगर विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया था। परन्तु पांच साल बाद भी इसी जर्जर भवन में कक्षाएं चल रही है। प्राथमिक विद्यालय प्रेमवती नगर के प्रधानाध्यापक अखिलेश शर्मा ने बताया कि उनके पास 11 विद्यालयों का चार्ज है और इस स्कूल में उनके अतिरिक्त एक शिक्षामित्र को मिला कर दो लोगों का स्टाफ कार्यरत है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक है और वह स्वयं पौने आठ बजे तक स्कूल पहुंच जाते है। प्रधानाध्यापक अखिलेश शर्मा ने कहा कि आज सुबह शिक्षामित्र से उनकी बात हुई थी और उसने कोई छुट्टी की सूचना नहीं दी थी। भवन की जर्जरता के सम्बन्ध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि भवन निर्माण के लिए धनराशि जारी की गयी थी, उसे निकल लिया गया पर भवन का निर्माण नहीं करवाया गया। यह पूरा मामला बीएसए साहब के संज्ञान में है। इस सम्बन्ध में जब बीएसए प्रवीण मणि से बात करने का प्रयास हुआ तो उनका सीयूजी नंबर घंटों तक अनुपलब्ध बताता रहा। तो यहाँ साफ़ देखा जा सकता है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी और अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा किस प्रकार प्राथमिक शिक्षा का दोहन किया जा रहा है। पिछले दिनों सूबे की योगी सरकार ने सुबह 8 बजे ही मोबाईल (डिजिटल) हाजरी लगाने की क़वायद शुरू कर दी है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस प्रेमवती नगर विद्यालय में तब अध्यापक-अध्यापिकाएं समय से आयेंगें ? और क्या इस जर्जर हो चुके भवन में ही बच्चें पढ़ाई का इंतजार करते रहेंगे ?