लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2007 के शासनादेश द्वारा जनपदों के सभी थानों में थानाध्यक्षों, प्रभारी निरीक्षकों की नियुक्ति में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के समुदाय के पुलिस अधिकारियों के लिए 23ः तथा पिछड़ी जाति के समुदाय के अधिकारियों के लिए 27ः के आरक्षण का प्रावधान किया गया है। परंतु ऐसा देखा गया है कि जनपदों में इस आदेश का सही अनुपालन नहीं किया जा रहा है जिस कारण थानों में थानाध्यक्षोंध् प्रभारी निरीक्षकों की नियुक्ति में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ी जाति के समुदाय के अधिकारियों का वांछित प्रतिनिधित्व नहीं है। यह बात आज मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट द्वारा भेजे गए पत्रक में कही गई है। यह ज्ञातव्य है की इस आरक्षण का मुख्य अभिप्राय इन वर्गों को प्रतिनिधित्व देना है। उक्त पत्र में आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रदेश के थानों में थानाध्यक्षोंध् प्रभारी निरीक्षकों की नियुक्ति में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ी जाति के समुदाय के अधिकारियों की नियुक्ति का आकलन करवा लें तथा यहाँ कमी हो वहाँ इस कोटे को पूरा करवा दें।
जनपदों के थानों में अनुसूचित जाति,जनजाति तथा पिछड़ी जाति का आरक्षण कोटा पूरा हो: आईपीएफ
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