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गोमती रिवर फ्रंट दागियों को कड़ी सजा मिले : कर्मचारी महासंघ

सिंचाई भवन पर किया धरना प्रदर्शन
लखनऊ। उ0प्र0 राज्य कर्मचारी महासंघ ने गुरुवार को सिंचाई भवन पर गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटालों को लेकर दागियों को कड़ी सजा देने के लिए धरना प्रदर्शन किया। महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि गोमती रिवर फ्रन्ट घोटाले की जांच कर दागियों को कड़ी सजा देने की मांग करता रहा है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के पश्चात् मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रन्ट घोटाले की जांच हेतु एक आयोग का गठन किया। आयोग के निष्कर्षो के आधार पर सीबीआई जांच की संस्तुति की गयी। वर्तमान में सीबीआई ने एक दिसम्बर 2017 को एफआईआर भी दर्ज करा दी है। इसके अलावा टीएसी व कैग आदि संस्थायें भी जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि महासंघ यह अनुरोध करता रहा है कि इस घोटाले में संलिप्त सभी अधिकारी कर्मचारियों को इस कार्य व सूचना आदि तैयार करने से हटाया जाये ताकि कोई हेराफेरी सम्भव न हो सके, परन्तु इस दिशा में अभी कार्यवाही नहीं हो सकी है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को तैयार करने में अहम भूमिका वाले तत्कालीन मुख्य अभियन्ता शारदा सहायक श्री कुणाल कुलश्रेष्ठ का नाम भी प्रराम्भिक जांच रिपोर्ट में शामिल नहीं है, हमारा मानना है कि उनका नाम आरोपियों की सूची में शामिल होना चाहिए यह इसलिए भी आवश्यक है कि अन्य कई परियोजनाओं में भी उनकी भमिका से भ्रष्टाचार परिलक्षित होता है। इसी प्रकार लखनऊ खण्ड शारदा नहर लखनऊ के एस पी सिंह, सहायक अभियन्ता (यांत्रिक) का नाम भी सूची से गायब है जबकि इस उपखण्ड से भी काफी भ्रष्टाचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि आज का यह धरना मुख्यमंत्री की घोषणा ’’भ्रष्टाचार के विरूद्व जीरो टालरेन्स’’ का समर्थन देने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि हम समय-समय पर इस घोटाले जुड़े तथ्यों से मा0 मुख्यमंत्री जी व अन्य जिम्मेदार लोगों को अवगत कराते रहे हैं। भविष्य में हमारा यह अभियान जारी रहेगा, एक भी दागी को बचना नहीं चाहिए यह हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि किसी विभाग के एक कार्यालय के इतने बड़े घोटाले का कोई दागी यदि बच जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी मिशन में हम अन्य मामले भी समय-समय पर उठाते रहेगें। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान प्रराम्भिक स्तर पर ही इस सम्बन्ध में तत्कालीन मुख्यमंत्री से व अन्य से इसकी शिकायत की गयी थी लेकिन उन्होंने कोई गौर नहीं किया परिणामतः इतना बड़ा घोटाला सामने आया। धरने को महासंघ के महामंत्री बजरंगबली यादव, राकेश कुमार चैधरी, कृतार्थ सिंह, गोबर्धन सिंह, दुर्गेश कुमार, रामलाल यादव, मंयक सिंह, जयचन्द्र वर्मा, वकील अहमद, दीपक सिंह, चमनलाल भारती, फाजिल हुसैन आदि लोगों ने सम्बोधित किया।

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