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बीएचयू छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर एलयू छात्राओं ने किया प्रदर्शन

बेटी पढ़ाओ या बेटी दबाओं : एलयू स्टूडेंट्स
लखनऊ। राजधानी में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर, सुरक्षा की मांग कर रही बीएचयू छात्राओं पर आधी रात को बर्बर लाठीचार्ज करवाने वाले बीएचयू प्रशासन व राज्य सरकार के खिलाफ रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्राओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।अपने सम्मान और सुरक्षा की मांग कर रही
बीएचयू छात्राओं पर शनिवार रात को बर्बर लाठीचार्ज कराया गया। जिसके विरोध में रविवार को लखनऊ जीपीओ के गांधी प्रतिमा पर लखनऊ विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र छात्राओं ने जमकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया। आप को बता दे कि पिछले दिनों बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से छात्राओं पर छेड़छाड़ का मामला सामने आया। जहा पर विश्वविद्यालय परिषद के ही छात्रों द्वारा छेड़छाड़ करने की बात सामने आई थी।  जिसको लेकर बीएचयू की छात्राओं ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की पर जब बीएचयू प्रशासन ने ऐसी बातों के बाद सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। तो आक्रोशित बीएचयू की छात्राओं ने विश्वविद्यालय गेट नंबर 1 पर विरोध प्रदर्शन करने लगी जिसे देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने लाठीचार्ज करवा दिया। जहां पर कई छात्राओं को गंभीर चोटें भी आई। जिसके बाद रविवार को सैकड़ों एलयू की छात्र छात्राओं ने मिलकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।प्रदर्शन में मौजूद लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा पूजा शुक्ला ने बताया कि जहां पर लड़कियों को आदर्श भारतीय हिंदू नारी बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है वहीं महिलाओं का जमकर उत्पीड़न किया जा रहा है। जहां लडकियों को लेकर सुरक्षा की इंतजाम किए जा रहे है वहीं उससे ज्यादा लड़कियों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेएनयू में बीते वर्ष जब यौन उत्पीड़न के खिलाफ छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया तो विश्वविद्यालय में बनी कमेटी को इंसाफ के लिए लड़कियों की कमेटी को भंग कर दिया गया, ताकि बाद में ऐसी शर्मनाक घटनाओं को केंद्र सरकार दबा सके। उन्होंने बताया कि जहां पर बेटी बचाओ – बचाओ बेटी पढ़ाओ का जुमला उछालने वाले प्रधानमंत्री दो दिनों से बनारस में मौजूद रहे वहीं उनके संसदीय क्षेत्र में हो रहे सैकड़ों महिलाओं पर इस तरह के अत्याचार होते रहे है लेकिन प्रधानमंत्री उस पर ध्यान नहीं दे रहे, बल्कि अपनी रणनीति को और तेज करने में लगे है। प्रधानमंत्री मोदी से मोदी से सवाल पूछते हुए छात्रों ने कहा कि बेटी पढ़ाओ की जगह बेटी दबाओं अभियान क्यों चलाया जा रहा है ? उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह महिलाओं का शोषण होता रहेगा तो एक दिन ऐसा भी आएगा जहाँ पर महिला को बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा।

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