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धन और बाहुबल की राजनीति से देश को बचाना होगा : रघु ठाकुर

चुनाव सुधार पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ
लखनऊ। जब चुनाव में काले धन का उपयोग होने लगे तब समझों राजनीति भ्रष्ट हो गई है। चुनाव में लगा काला धन अपनी भूमिका अदा करता है और राजनीति का मालिक बन जाता है। प्रत्येक तरह के चुनाव में सुधार की बातें करते हुए मशहूर समाजवादी चिन्तक रघु ठाकुर ने ये बातें बुधवार को राजधानी के प्रेस क्लब में लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी की संगोष्ठी में कही। चुनाव सुधार पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए ठाकुर ने कहा कि चुनाव सुधारों के लिए कई दशकों से प्रयास किए जा रहे और एक बार फिर सुधारों को लेकर बहस शुरू हुई है। हमारी राय में पूरे देश में चुनाव एक साथ होने चाहिए फिर चाहे वो पंचायत के हो या संसद के। इसी तरह निकाय चुनाव, को आपरेटिव, विधानसभा और जितने भी प्रकार के चुनाव होते है वो एक साथ दो माह के भीतर करवा लेना चाहिए। दो महीने की छुट्टी दे कर इन चुनावों को सम्पन्न कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां एक प्रश्न खड़ा होता है कि यदि किसी की मृत्यु हो जाए तब क्या किया जाए तो इसके जवाब में मैं कहना चाहता हूं कि उस व्यक्ति के स्थान पर उसी पार्टी के दूसरे नुमाइंदे को दे दिया जाए। जो लोग दो स्थानों से चुनाव लड़ते हैं उस पर भी बैन लगाना चाहिए। जैसे यूपी में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद पर लोकसभा से ला कर लोग रख दिए गए और विधान परिषद भेज दिया गया, अब ये लोग लोकसभा से इस्तीफा देंगे और वहां फिर से चुनाव होंगे, ये गलत है। यदि सरकार बीच में अल्पमत में आ जाती है तो राज्यपाल और राष्ट्रपति को ये अधिकार होना चाहिए कि वे सभी पदेन सदस्यों को मिला कर अंतरिम सरकार बना सके ताकि बार बार होने वाले चुनावों का बोझ जनता पर न पड़े। चुनाव आयोग प्रयास करता है पर चुनाव में काले धन का उपयोग रूक नहीं रहा है और चुनाव आयोग चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाता जा रहा है। विधानसभा चुनाव में 7 लाख और संसदीय चुनाव में 70 लाख रुपए खर्च करके कोई सामान्य आदमी राजनीति नहीं कर सकता है। चुनाव की प्रक्रिया ऐसी बनाई जाए जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति चुनाव लड़ सके। चुनाव के चार महीने पहले शराब की फैक्ट्रियों को बंद कर देना चाहिए, हलाकिं मेरा मानना है कि पूरे देश में शराबबंदी होनी चाहिए। चुनाव आयोग प्रत्याशियों से संबंधित सभी कागजों को आम जनता के बीच बांटे जाए और आयोग ही उम्मीदवार का प्रचार-प्रसार करने का काम करे। भारतीय राजनैतिक दलों को मिल रहे अरबों खरबों के चुनावी चंदों पर चिंता जताते हुए रघु ठाकुर ने कहा कि अब लोहिया और जार्ज फर्नांडिस जैसे राजनीति करने वाले लोग नहीं रह गए जो राजनीति का बहुत बड़ा संकट है। चंदा लेकर राजनैतिक दल गुलाम बनते जा रहे हैं और पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र भी नहीं रह गया है। देश को धन, बल और बाहुबल की राजनीति से बचाना हम सब की जिम्मेदारी होनी चाहिए। चुनाव सुधार पर आयोजित संगोष्ठी में समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा, एस एन श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया।

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