Home > स्थानीय समाचार > अवैध निर्माण की हिमायती अवर अभियंताओं पर क्यों नहीं होती कडी़ कार्यवाही,

अवैध निर्माण की हिमायती अवर अभियंताओं पर क्यों नहीं होती कडी़ कार्यवाही,

यजदान बिल्डर के अवैध निर्माण मे शामिल थे जेई सुशील, आईजीआरएस की सैकड़ो शिकायत की फर्जी आख्याएँ दी जेई सुशील कुमार वर्मा ने
लेवाना अग्नि कांड में सुशील कुमार वर्मा को बचाते हुए निर्दोषों को किया निलंबित
लखनऊ। सीएम योगी के अवैध निर्माणो पर कडी़ कार्यवाही के निर्देशो के बाद भी लखनऊ वीकास प्राघिकरण के प्रवर्तन मे तैनात अवर व सहायक अभियन्ताओ के साथ ही विहुत प्राधिकारियो को जानकारी होने ने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की जाती है, इतना ही नही प्राधिकरण के प्रवर्तन मे तैनात अवर व सहायक अभियन्ता द्वारा अवैध निर्माणो के संरक्षणदाता व हिमाती बनकर सीएम के लोकप्रिय जन शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर होने वाली शिकायतो का भी फर्जी निस्तारण किया जा रहा है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन जोनो मे बडे़ पैमाने पर हो रहे अवैध निर्माणो की आईजीआरएस पोर्टल पर होने वाली शिकायतो का लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन जोन पाँच के प्रभावशाली अवर अभियंता सुशील वर्मा की आख्या पर बिना स्थलीय जाँच के अवैध निर्माणो के हिमायती सहायक शीतल प्रसाद के द्वारा दर्जनो शिकायतो का फर्जी निस्तारण करके अवैध निर्माण करवाए जा रहे है । सम्बन्धित मामले मे मौखिक पूँछने पर श्री प्रसाद ने मौखिक कहा बहुत आती है सबका शिकायतो का निरीक्षण नही किया जा सकता। मेरी शिकायत करके हटवा दो कहकर गैर जिम्मेदाराना जवाब दिया गया । लेवाना अग्नि कांड में प्रभाव अवर अभियंता सुशील कुमार वर्मा को बचाते हुए एल ड़ी ए प्रशासन निर्दोषों को निलंबित किया गया। यही हाल प्रवर्तन जोन चार के सहायक अभियन्ता अनिल कुमार का वह भी आई जी  आर एस पोर्टल की शिकायतो का फर्जी निस्तारण करके धड़ल्ले से अवैध निर्माण करवाने मे माहिर है। सबसे बडा़ सवाल यह है कि प्राधिकरण उपाध्यक्ष इन्द्रमणि त्रिपाठी के द्वारा अवैध निर्माणो पर सख्त निर्देशो के साथ ही अवैध निर्माण करवाने मे लिप्त अवर अभियन्ता सुशील वर्मा, कुलदीप त्यागी के साथ ही सहायक अभियन्ता शीतल प्रसाद,अनिल कुमार पर भी धारा 26 घ के तहत कडी़ कार्यवाही क्यो नही की जा रही ? कही ऐसा तो नही पोर्टल की शिकायते उक्त लोगो के कामधेनु का वरदान बन गयी हो ?
प्रकाशित खबरो व शासन मे हुई शिकायतो के बाद कमेटी बनाकर जाँच कराया जाना सराहनीय कार्य है लेकिन जाँच से पहले आरोपित जेई सुशील व कुलदीप तथा फर्जी आख्या देने वाले सहायक अभियन्ता शीतल प्रसाद व अनिल कुमार को भी प्रवर्तन से तत्काल हटाया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नही किया जाता है , रह गया जाँच कमेटी मे अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा जैसे लोग रहेगे तो जाँच की निष्पक्ष सम्भव नही है, विदित हो कि विगत माह अनिल सिंह के द्वारा प्रवर्तन जोन तीन पारा क्षेत्र मे तत्कालीन अवर अभियन्ता जीतेन्द्र कुमार के द्वारा संरक्षण देकर बडे़ पैमाने करवाए जा रहे अवैध निर्माणो के अनेको शिकायतो के फर्जी निस्तारण मामले की शिकायत मे उपाध्यक्ष के द्वारा कमेटी बनाकर जाँच कराई गयी मामला ढाक के तीन पात तक ही रहा। केवल प्रवर्तन से हटाकर मामले की अन्त्येष्टि कर दी गयी। जबकि बिधिक नियमो व अवैध निर्माण करवाने मे लिप्त अवर अभियन्ता जीतेन्द्र कुमार , सुशील वर्मा.कुलदीप त्यागी, सहायक अभियन्ता अनिल कुमार शीतल प्रसाद व सम्बन्धित सुपरवाइजरो के विरुद्ध श्री अनिल सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 26 घ के तहत कार्यवाही की माँग की गयी लेकिन प्राधिकरण अधिकारियो द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी-?सुशील वर्मा व कुलदीप त्यागी को पहले उनके कार्य क्षेत्र से तत्काल प्रभाव से उपाध्यक्ष द्वारा हटाया जाना चाहिए तभी निष्पक्ष जाँच हो सकेगी। अन्यथा निष्पक्ष जाँच का होना असंभव है। क्योंकि दोनों अवर अभियंता अवैध निर्माण को कराने में मास्टर माइंड है और दोनो को ही पूर्व में आरोपित कर प्रवर्तन जोन से हटाया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *