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बीज शोधन गोष्ठी आयोजित

संवाददाता सत्यपाल सिंह
सिधौली-सीतापुर | आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र, लखनऊ द्वारा बीज शोधन अभियान चलाया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बरपुर, सीतापुर द्वारा चयनित सिधौली विकास खण्ड के गनेरा गांव में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में महिला एवं पुरुष किसानों को बीज शोधन के तरीकों एवं लाभ के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई, बीज शोधन का प्रदर्शन किया गया तथा प्रतिभागियों को बीज शोधन हेतु ट्राइकोडरमा पाउडर भी वितरित किया गया। गोष्ठी में एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र के फसल सुरक्षा अधिकारी डॉ0 धर्मेंद्र सिंह ने बीज शोधन पर प्रकाश डालते हुए बीज शोधित करने के तरीके के बारे में जानकारी प्रदान की तथा ट्राइकोडरमा द्वारा चने के बीज को शोधित करने की तकनीक का प्रदर्शन भी किया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बरपुर के वैज्ञानिक डॉ0 विनोद कुमार सिंह ने बीज शोधन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए बीज शोधन के तकनीकी बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि जिस प्रकार से हम अपने बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण करवाते हैं उसी प्रकार से आवश्यकता है कि हम अपने फसलों एवं पशुओं का भी टीकाकरण जरूर करें जिससे कीटों एवं बीमारियों से बचाव हो तथा जैव उर्वरकों से शोधन करने से पोषक तत्व प्रबन्धन में भी आसानी होगी। डॉ सिंह ने किसानों की आमदनी दोगुना करने हेतु विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जानकारी प्रदान की जिससे खेती की लागत को कम किया जा सके, गुणवत्तायुक्त उत्पादन में वृद्धि हो एवं सही मूल्य प्राप्त हो सके। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ0 उमेश कुमार सिंह ने मृदा शोधन एवं मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन पर विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र के उपनिदेशक डॉ0 जी0 पी0 सिंह ने एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन तकनीक पर प्रकाश डालते हुए अपने सम्बोधन कहा कि आज मनुष्यों को खाद्य श्रृंखला के माध्यम से रसायनों के दुष्प्रभाव के कारण नाना प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे निजात पाने के लिए हम लोगों को एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन तकनीक को अपनाना होगा जिससे हमारी खाद्य श्रृंखला में विषाक्त रसायन की मात्रा को कम किया जा सकेगा, गुणवत्ता युक्त उत्पादन को बढ़ाया जा सकेगा तथा उचित लाभ प्राप्त होगा। डॉ0 सिंह ने बताया कि आप लोगों को अपने बीज का शोधन ट्राइकोडरमा पाउडर से अवश्य करना चाहिए तथा गोबर की खाद में मिलाकर के इससे मृदा शोधन भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समय – समय पर आप लोगों को आवश्यकतानुसार हमारे केन्द्र से प्रदर्शन के रूप में बीज शोधन हेतु ट्राइकोडरमा उपलब्ध कराया जाएगा।इस अवसर पर किसानों को बीज शोधन हेतु ट्राइकोडरमा पाउडर भी वितरित किया गया।

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