लखीमपुर।खुलने लगे कामों के पिटारे मिट गई गड्ढा मुक्त सभी सड़के जी हां हम बात कर रहे हैं। आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव की जो जैसे जैसे नजदीक आ रहा है।वैसे वैसे मेंढक अपने बिलो से बाहर निकलने लगे है। अब लगने लगे गे हम सभी लोगों के दरवाजे पर दस्तक । और सभी के घर-घर में किसी ने किसी को चालू कर दिया जाएगा नेता बनाने का काम की अपने ही पडोसी की फोड़ो खोपड़ी लाडो झगड़ो बाद में हम मिलेंगे कहाँ बनो तुम भाई भाई के दुश्मन बस किया जायेगा जनता को खुश करने की कोशिश और फिर जब वह चुनाव जीत जायेगे। तो वैसे वैसे ही नेता जी गिद्ध जैसी प्रजाति की तरह विलुप्त होना शुरू हो जाते है। यह सब केवल हम सबको कुछ समय के लिए अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से लुभाने के लिए मैदान में आते हैं और अपनी चिकनी चुपड़ी बातें मैं लेकर चुनाव जीतकर अपने घर वापस चले जाते हैं बाद में हम लोगों का कोई पुरसा हाल नहीं होता है वह ज्यों के त्यों पड़े रहते आने वाले समय में हम लोगों को एक ऐसा प्रत्याशी चुनना चाहिए जोकि हम सब लोगों के दुख सुख में हमेशा खड़ा रहता हो हमारे दुःखों को अपना दर्द समझ कर हमारी मदद करता हो। हमारे हक के लिए लड़ने वाला हो।हमारे ऊपर दुख पड़ने पर वह हमारी मदद करता हो और न कि ऐसे की चुनाव के समय तो वह हमारे लिए मसीहा हो और जीत जाने के बाद में सपने में भी ना दिखे। पर अब ऐसा न हो हो इस लिए अब फिर से हम सभी लोगों को 5 सालों में यह मौका फिर से एक बार मिल गया है। कि हम अपनी पुरानी गलती सुधार ले न कि वही गलती दौबारा कर के फिर से पाँचो साल रोये ।जब हम अपना मत डाल कर किसी को बड़े पद पर बैठा लेते हैं तो उसके बाद वही लोग हम लोगों को गिरी नजर से देखते हैं जैसे कि हमने उनको कितना बड़ा नुकसान किया हो इसलिए इस बार 2022 के धान सभा चुनाव में अपना प्रत्याशी सोच समझकर चुने न की जाति धर्म पर चुने ना ही पैसों पर बस अपने और वह उसके व्यक्तिगत विचारों पर वोट दें और जिससे अपना व अपने क्षेत्र का बढ़-चढ़कर विकास हो जिससे यह पिछड़ा हुआ जिला फिर से आगे बढ़ पाए।
*बॉक्स हेतु*
*फिर से बहेंगे झूठे विकास की दरिया ,फिर से होंगे सारे कामो के वादे ,न ही काम फिर भी भरे जाएंगे बड़े बड़े दावे आओ लूटो और चले जाओ 2022 में भी*