कानपुर। प्रॉपर्टी को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद में दीवाली की रात दो भाइयों ने मिलकर अपने छोटे भाई की हत्या कर डाली और शव उन्नाव में ले जाकर फेंक दिया। पत्नी ने दोनों जेठ पर शक जताया तो पुलिस ने आरोपितों के साथ पूछताछ की। पुलिस की सख्ती के आगे दोनों टूट गए और उन्होंने सच उगल दिया। हत्यारों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने उन्नाव से शव के साथ कत्ल में प्रयुक्त लाइसेंसी बंदूक व कार बरामद कर ली।
डिप्टी पड़ाव निवासी विजय गुप्ता अपने घर में ही इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाते थे। उसी मकान में बड़े भाई रतन और मनोज भी रहते हैं। विजय की पत्नी ने बताया कि दिवाली की रात विजय का मनोज से विवाद हो गया। जिसमें पुलिस ने उनमें समझौता करा दिया। इस मामले में विजय ने थाने में मनोज के विरुद्ध धमकी देने की तहरीर दी थी। इसके बाद विजय लापता हो गए। पत्नी रोली ने काफी तलाशा, पर पता न चला। सोमवार को रोली ने दोनों जेठ पर शक जताते हुए पुलिस को तहरीर दी। जब पुलिस ने छानबीन की तब हत्या का खुलासा हुआ। विजय के भाई मनोज ने रतन व करीबी मोइनुद्दीन व एक और शख्स की मदद से शव को उन्नाव के अचलगंज में पानी भरे गड्ढे में फेंक दिया। भाइयों के बीच आए दिन कहासुनी होती थी। मनोज ने बड़े भाई रतन गुप्ता को साथ मिलाकर थाने की मदद से कई बार विजय को मकान से हटाने का प्रयास किया। मगर मीडिया कर्मियों का साथ होने के चलते वह विफल रहा। इसके कारण मनोज अपने ही भाई से खुन्नस रखता था। मनोज के हिस्से में लाखों का मकान और दुकान थी, जिसे लेकर दिवाली की रात को दोनों के बीच कहासुनी हुई। विजय के दिवाली की रात को मनोज के खिलाफ तहरीर देने की जानकारी लगी तो वह भडक़ गया। उसने विजय को मारने की योजना बना ली।
विवाद होने के बाद विजय फिर रायपुरवा थाने पहुंचा और थानाप्रभारी को तहरीर दी थी। इसमें मनोज गुप्ता उर्फ कोबरा से जान का खतरा बताया था। इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हत्या करने के बाद मनोज और रतन ने विजय के शव को आराम से कार में डाला, फिर फेंककर लौट आए। दिनभर वह घर में रहे। एक दिन बीत गया। इसके बावजूद उन्होंने हत्या के बारे में भनक तक नहीं लगने दी। रोली के मुताबिक मनोज थाने का मुखबिर है इसलिए उस पर हाथ नहीं डाला गया। वह पहले भी फायरिंग कर चुका है।