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राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,के द्वारा महिला विधिक जागरूकता एवं साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन संपन्न 

अयोध्या। माननीय उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशानिर्देशन व माननीय जनपद न्यायाधीश महोदय/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फैजाबाद श्री संजीव फौजदार की अध्यक्षता एवं अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शैलेन्द्र सिंह यादव की देख-रेख में अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अन्तर्गत महिला अधिकारों से सम्बन्धित मुख्यतः महिला केन्द्रित कार्यक्रम का आयोजन तहसील बीकापुर अय़ोध्या के सभागार में किया गया। उक्त कार्यक्रम में आंगनवाडी कार्यकत्री, आशा बहुएं, स्वंय सहायता समूह, अध्यापिका/प्रधानाचार्या सहित कुछ छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिला अधिकारों एवं महिला कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया गया। अपर जिला जज/सचिव द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं की समस्याओं को भी सुना गया। 
उक्त कार्यक्रम राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ समन्वय स्थापित कर नारी सशक्तीकरण के अधिकारों को समर्पित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन तहसील सदर अयोध्या के सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में अपर जिला जज/सचिव श्री शैलेन्द्र सिंह यादव, उपजिलाधिकारी बीकापुर अयोध्या श्री प्रशांत कुमार, तहसीलदार बीकापुर अयोध्या श्री राजेश कुमार, महिला रिसोर्स पर्सन/अधिवक्ता/सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती श्वेताराज सिंह के साथ-साथ  आंगनवाडी कार्यकत्री,  आशा बहुएं, स्वंय सहायता समूह, अध्यापिका/प्रधानाचार्या सहित कुछ छात्राओं ने प्रतिभाग किया।  
कार्यक्रम में अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिला अधिकारों एवं महिला कर्तव्यों के बारे में विधिक रूप जागरूक किया गया एवं सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में बताया गया। साथ ही साथ 1-समान पारिश्रमिक का अधिकार- समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार, अगर बात वेतन या मजदूरी की हो तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता है। 2-कार्यस्थल पर छेड़छाड़/यौऩ उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार-काम पर हुए यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार आपको यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है। 3-घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार-यह अधिनियम मुख्य रूप से पति, पुरूष लिव इन पार्टनर या रिश्तेदारों द्वारा एक पत्नी, एक महिला लिव इन पार्टनर या फिर घर में रह रही किसी भी महिला जैसे मां, बहन पर की गई घरेलू हिंसा से सुरक्षा करने के लिए बनाया गया है, आप या आपकी ओर से कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है। 4-मातृत्व संबंधी लाभ के लिए अधिकार-मातृत्व लाभ कामकाजी महिलाओं के लिए सिर्फ सुविधा नही बल्कि ये उनका अधिकार है, मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत एक नई माँ के प्रसव के बाद १२ सप्ताह (तीन महीने) तक महिला के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाती और वो फिर से काम शुरू कर सकती है। 5-कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार-भारत के हर नागरिक का ये कर्तव्य है कि वो एक महिला को उसके मूल अधिकार जीने के अधिकार का अनुभव करने दें, गर्भाधान और प्रसव के पूर्व पहचान करने की तकनीकी (लिंग चयन पर रोक) अधिनियम कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार देता है। 6- मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार-बलात्कार की शिकार हुई किसी भी महिला को मुफ्त कानूनी मदद पाने का पूरा अधिकार है, स्टेशन हाऊस आफिसर के लिए ये जरूरी है कि वो विधिक सेवा प्राधिकरण को वकील की व्यवस्था करने के लिए सूचित करे। 7-गरिमा एवं शालीनता से जीने का अधिकार-किसी मामले में अगर आरोपी एक महिला है तो उस पर की जाने वाली कोई भी चिकित्सा जाँच प्रक्रिया किसी महिला द्वारा या किसी दूसरी महिला की उपस्थिति में ही की जानी चाहिए 8-संपत्ति का अधिकार-हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत नए नियमों के आधार पर पुश्तैनी सम्पत्ति पर महिला एवं पुरूष दोनो का बराबर हक है आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। 

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