पूर्णिमा कोठारी से एक साक्षात्कार वरिष्ठ पत्रकार महेन्द्र त्रिपाठी के साथ
अयोध्या। अयोध्या वर्ष 1990 में मुलायम सिंह की सरकार में कारसेवकों पर हुवे गोली कांड में शहीद हुवे राम मंदिर आंदोलन में अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले कोलकाता के खैलात घोषलेन बड़ा बाजार के रहने वाले हीरा लाल कोठारी के दो युवा पुत्र राम कुमार कोठारी व शरद कुमार कोठारी 2 नवंबर 1990 को गोली कांड में शहीद हो गए थे पर आज तक कोई उनकी सुध नही ली गयी अब तो भब्य राम मंदिर भी बन चुका ये कहना है कोठारी बंधुओं की बहन पूर्णिमा कोठारी का रामलला का दर्शन करने के बाद अपना दर्द राम मंदिर आंदोलन के वरिष्ठ पत्रकार प्रेस क्लब अयोध्या के अध्यक्ष महेन्द्र त्रिपाठी से बयान किया पूर्णिमा कोठारी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कार्यालय पर खासबातचीत करते हुवे बताया कि उनके दो ही भाई थे जो 30 अक्टूबर 1990 को राम मंदिर के गुम्मद पर चढ़ कर सबसे पहले अपना विजय फताका फहराया था, और जब 2 नवंबर 1990 को पुनः राम धुन करते हुवे राम मंदिर दर्शन करने जा रहे थे तो मुलायम सिंह की सरकार ने निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलवा दिया था जिसमे कई कारसेवक शहीद हो गए थे उसी गोली कांड में मेरे दिनों भाई राम कुमार व शरद कुमार भी दिगम्बर अखाड़े के पास लाल कोठी की गली में शहीद हो गए थे 34 वर्ष बीत गए पर अभी तक कोई मेरे भाइयों के नाम स्मारक नही बना जब सीएम योगी आदित्यनाथ महराज से लखनऊ5 काली दास सरकारी आवास पर जा कर मैंने मुलाकात किया था और एक मांग पत्र अपने भाइयों के नाम स्मारक भवन बनाने के लिए दिया था और उन्होंने आश्वासन भी दिया था पर आज तक नही बना 22 जनवरी को भब्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुआ राम मंदिर का उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया मैं साक्षी रही लता चौक बन गया पर आज तक मेरे शहीद हुवे दोनों भाइयों का स्मारक नही बना मेरे माता पिता भी स्वर्गवासी हो गए मेरी योगी आदित्यनाथ जी की सरकार से मांग है कि राम मंदिर परिसर मे ही मेरे भाईयों का स्मारक बने जिससे मेरे भाइयों को आत्मा की शान्त मिले और शहीदों की तरह सम्मान हो सके।