लखनऊ। इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के अर्न्तगत दारूल उलूम फरंगी महल में माह रबी उल अव्वल के अवसर पर आयोजित होने वाले 12 दिवसयी ‘‘जलसा सीरतुन्नबी सल्ल0, सीरत-ए-सहाबा व तहफ्फुजे शरीअत’’ के चौथे जलसे का आयोजन किया गया। जलसे का आरम्भ मौलाना कमरूद्दीन की तिलावत कलाम पाक से हुआ। नात पाक दारूल उलूम फरंगी महल के विद्यार्थी मुहम्मद अयाज़ ने पेश किया। जलसे का संचालन मौलाना मो0 अजहरूद्दीन ने किया। जलसे को खिताब करते हुए दारूल उलूम फरंगी महल के अरबी विभाग के अध्यापक मुफ्ती अतीकुर्रहमान ने कहा कि हुजूर पाक सल्ल0 तमाम इंसानों की रहबरी के लिए मुकम्मल नमूना है। दुनिया का हर शख्स हुजूर पाक सल्ल0 के सच्चे और अच्छे सहाबाक्राम रजि0 के एहसान का बदला नही अदा कर सकते क्यों कि सहाबाक्राम ने खुदा पाक के पसंदीदा दीन-ए-इस्लाम को फैलाने में किसी किस्म की कमी नही की। मौलाना ने कहा कि खुदा पाक की रजा इसी मे हैं कि जैसा खुदा ने आदेश दिया है वैसा ही किया जाए, अपनी तरफ से उसमें कुछ कमी और ज्यादती न की जाए। सहाबाक्राम ने हुजूर पाक की जिन्दगी का हर हर पहलू हम तक पहुंचा दिया। हमें अपनी आखिरत और दुनियावी फायदे के लिए उसको अपनाना चाहिए। जलसे का अन्त मुफ्ती अतीकुर्रहमान की दुआ पर हुआ। इस अवसर पर दारूल उलूम के अध्यापकों कारी हारून, कारी कमरूद्दीन, कारी तनवीर आलम, कारी अब्दुल मुगीस, कारी मो0 शमीम, कारी मो0 इरशाद और विधार्थी उपस्थित थे।