लखनऊ। सुभासपा विधायक बेदीराम और निषाद पार्टी के विधायक विपुल दुबे पर लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है। रेलवे ग्रुप डी पेपर लीक मामले में दोनों आरोपी थे। इनके साथ ही 18 अन्य लोगों पर भी कोर्ट ने आरोप तय किए हैं। बेदीराम और विपुल दुबे ने एमपी-एमएलए कोर्ट में डिस्चार्ज की अर्जी लगाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। मामले में एसटीएफ ने 2006 में बेदीराम को गिरफ्तार किया था। वो जमानत पर बाहर हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ ने कृष्णा नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले 10 जुलाई को गैंगस्टर और एमपी-एमएलए कोर्ट ने सभी के खिलाफ वारंट जारी कर 26 जुलाई को पेशी का आदेश दिया था। बेदीराम गाजीपुर की जखनियां विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं। जबकि विपुल दुबे भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधायक हैं। बेदीराम को सुभासपा अध्यक्ष और यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर का करीबी माना जाता है। एसटीएफ ने फरवरी 2006 में बेदीराम और विपुल दुबे को पेपर लीक मामले में अरेस्ट किया था। दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगा था। एसटीएफ ने आरोपियों के पास से रेलवे भर्ती ग्रुप डी की परीक्षा का प्रश्न पत्र बरामद होने का दावा किया था। जांच के बाद पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल की थी। कोर्ट ने बेदीराम और विपुल दुबे की हाजिरी माफी की अर्जी को भी खारिज कर दिया। 2014 में एसटीएफ ने भी बेदीराम की संपत्ति की जानकारी जुटाई थी। एसटीएफ के तत्कालीन आईजी सुजीत पांडेय ने लखनऊ के तत्कालीन एसएसपी को पत्र भेजकर बेदीराम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पत्र में ये भी लिखा था कि बेदीराम की संपत्ति कुर्क करने के संदर्भ में तत्कालीन एडीजी कानून व्यवस्था द्वारा सिफारिश की जा चुकी है। इस रिपोर्ट में बेदीराम के पास लखनऊ में मकान नंबर- 352 विक्रांत खंड गोमतीनगर, मकान नंबर- 242 विजयंत खंड गोमतीनगर, मकान नंबर- 1131 सेक्टर ए वृंदावन योजना, प्लाट संख्या जी-52 ट्रांसपोर्ट नगर, गोसाईंगंज के ग्राम अमेठी के पास आम का बाग, जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र के गांव कुसिया में कृषि भूमि, दो ईंट भट्ठे, जलालाबाद के वाराणसी-लखनऊ मार्ग पर 6000 वर्ग फीट भूमि की जानकारी दी गई थी।