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शिक्षा मित्रों ने प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में गुरुवार को शिक्षा मित्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया। काला दिवस मनाया और सरकार को ज्ञापन सौंपा। शहीद स्मारक में बच्चों के साथ पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने सरकार से सीधा सवाल किया कि 10 हजार रुपए मानदेय में परिवार का गुजारा कैसे होगा? लखनऊ के अलावा पूरे प्रदेश में शिक्षा मित्रों ने काला दिवस मनाया। दिवंगत शिक्षा मित्रों को श्रद्धांजलि दी गई। प्रदर्शन के बाद सभी जिला मुख्यालय पर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। इसमें शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने, सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त की मांग की गई। लखनऊ की शिक्षा मित्र संघ की जिला महामंत्री ममता राजपूत ने बताया कि सरकार से मेरा बस यही कहना है कि 10 हजार की मासिक आय में आज के दौर में जीवनयापन करना बेहद मुश्किल है। बावजूद इसके करीब डेढ़ लाख शिक्षा मित्र स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं और परिवार भी पाल रहे हैं। सरकार से कई बार मांग की गई लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। हम लोगों के भी बच्चे हैं जो छोटे से बड़े हो रहे हैं। उनकी पढ़ाई पूरी करनी है। हमारे घरों में बुजुर्ग मां-बाप हैं, जिनका इलाज कराना होता है। ऐसे में जीवनयापन करना कितना कठिन है, यह ही बता सकते हैं। हमारी सरकार से यही मांग है कि या तो सरकार समान कार्य के समान वेतन लागू करे। या फिर नया वेतन निर्धारण करे। शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के तौर पर नियुक्त किया जाए। भर्ती के समय कुल 1 लाख 72 हजार शिक्षा मित्रों में से 80ः महिलाएं थीं। महिला शिक्षा मित्रों को ही सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बाद कोई शिक्षा मित्र घर चलाने के लिए दूसरे काम करना पड़ रहा है। कोई सिलाई का काम कर रही है तो कोई दूसरे रोजगार के जरिए घर का खर्चा चला रही हैं। ऐसे हालात में सरकार को शिक्षा मित्रों के बारे में सोचना चाहिए। शिक्षा मित्र संघ से जुड़े शिव किशोर द्विवेदी ने कहा कि कोर्ट के निर्णय के बाद 1 लाख 35 हजार शिक्षा मित्रों के परिवारों पर 25 जुलाई 2017 को आज के ही दिन गाज गिरी थी। इसके चलते बड़ी संख्या में शिक्षा मित्रों और उनके परिवार के लोग आहत हुए। कईयों ने जान दे दी, जिनके बच्चे अनाथ हैं। हमने अपनी बात हर स्तर पर रखी। राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक से गुहार लगाई गई लेकिन अफसोस है कि हमारी बातों को सुनने वाला कोई नहीं है। अब वक्त है कि सरकार को शिक्षा मित्रों के मुद्दे पर ठोस कदम उठाना ही होगा। यह एक या दो परिवारों का नहीं बल्कि डेढ़ लाख परिवारों का मुद्दा है। शिक्षा मित्र संघ के सरोजिनी नगर ब्लॉक अध्यक्ष हरनाम सिंह ने कहा कि आज प्रदेश भर के सभी 75 जिलों के जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया गया। 25 जुलाई 2017 को शिक्षा मित्र का समायोजन निरस्त हुआ किया गया था, इससे आहत होकर अब तक 12 हजार शिक्षा मित्रों ने आत्महत्या कर ली।प्रदेश भर में सभी शिक्षा मित्र अपनी संवेदना प्रकट कर रहे हैं। हम सभी लोगों की मांग है कि हमें स्थायी नौकरी दी जाए। जब तक यह मांग पूरी नही होती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

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