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जगतगुरु परमहंसाचार्य ने आमरण-अनशन स्थल का किया भूमिपूजन

अयोध्या। अयाेध्याधाम स्थित आचार्य पीठ तपस्वी जी की छावनी, रामघाट के जगतगुरु स्वामी परमहंस आचार्य भारत काे हिंदू राष्ट्र बनाने हेतु आगामी 7 नवंबर से अन्न-जल का परित्याग कर आमरण-अनशन करेंगे। इसकाे लेकर उन्हाेंने शनिवार को अपने आश्रम परिसर में अशोक वृक्ष के नीचे वैदिक मंत्राेच्चार संग आमरण-अनशन स्थल का भूमिपूजन किया। वह आश्रम परिसर में अशोक पेड़ के नीचे बैठकर मंगलवार से आमरण-अनशन करेंगे। भूमिपूजन के बाद परमहंसाचार्य ने पत्रकाराें से मुखातिब हाेते हुए कहा कि आचार्य पीठ तपस्वी जी की छावनी अयोध्या की सबसे पुरानी छावनी है। जहां के वह वर्तमान में पीठाधीश्वर हैं। भारत काे हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए वे एक लंबे समय से संवैधानिक लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पूरे देश में घूम-घूमकर हिंदू राष्ट्र की अलख जगाया। इस मुहिम से कई हिंदूवादी संगठनों काे भी जाेड़ा। उनकी मांग थी कि 6 नवंबर 2023 तक भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाये। नही ताे 7 नवंबर से अन्न-जल का परित्याग कर वह आमरण-अनशन करेंगे। इसके लिए वह कई बार देश की राष्ट्रपति द्राेपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काे पत्र भी लिख चुके हैं। लेकिन उनकी मांग नही मानी गई, जिससे आहत हाेकर वह भारत काे संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए अन्न-जल का परित्याग कर 7 नवंबर से आमरण-अनशन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वही अशाेक का पेड़ है। जहां मैंने राममंदिर का निर्णायक आंदोलन किया था। अब फिर से आमरण-अनशन स्थल का भूमिपूजन किया हूं। 7 नवंबर को भाेर में 4 बजे से हिंदू राष्ट्र के लिए मेरा आमरण-अनशन प्रारंभ हो जायेगा। केंद्र सरकार से मेरी मांग है कि जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ और मुसलमानों काे पाकिस्तान-बांग्लादेश दिया गया। जाे मुस्लिम राष्ट्र बन चुका है। बंटवारे से जाे शेष भाग बचा हुआ है। उसकाे जल्द से जल्द हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। दुनिया में 257 ईसाई व 57 इस्लामिक राष्ट्र हैं। ताे कम से कम एक हिंदू राष्ट्र भी हाेना चाहिए। भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म एवं मानवता काे बचाने के लिए भारत काे संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र बनाया जाए। जगतगुरू ने कहा कि हमारी लड़ाई संविधान के दायरे में हाेगी। जब रामायण काल में माता भगवती अशोक के पेड़ के नीचे बैठी थी। ताे संकटमोचन हनुमान जी संकट दूर करने के लिए वहां पहुंचे थे। इस समय राष्ट्र पर गहरा संकट छाया हुआ है। देश में लगातार लव जेहाद की घटनाएं बढ़ रही हैं। बड़े-बड़े संवैधानिक पदाें पर बैठे लाेग सनातन धर्म काे मिटाने की चुनाैती दे रहे हैं। भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और मानवता काे बचाने के लिए भारत हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। इसके लिए या ताे हमारी मांग मान ली जाये। नही ताे मरने के बाद भी शरीर छूट जाए काेई बात नही। एक परमहंस जायेंगे तो न जाने कितने लाखाें-कराेड़ाें परमहंस आयेंगे।अब यह आस्तित्व और वजूद की लड़ाई है।

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