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निक्षय दिवस पर जनपद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित

सदर अस्पताल में सात टीबी मरीजों को लिया गया गोद
विद्यालयों में टीबी को लेकर छात्रों को किया गया जागरूक
लखनऊ। सदर अस्पताल में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत निक्षय दिवस के अवसर पर सात क्षय(टीबी) रोगियों को पावर विंग्स फाउण्डेशन द्वारा गोद लिया गया एवं उन्हें पोषण किट प्रदान की गयी।
सदर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. एस.सी. जोशी ने कहा कि टीबी के मरीजों को इलाज के दौरान पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। यदि व्यक्ति कुपोषित है तो प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे टीबी का संक्रमण होने का खतरा रहेगा। इलाज के दौरान कुपोषण को दूर करने और सही तरह से वजन बढ़ाने से रोगी के तेजी से ठीक होने और पूरी तरह से टीबी मुक्त होने में मदद मिलेगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आर.वी.सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार को जनपद में स्वास्थ्य केंद्रों पर निक्षय दिवस मनाया गया| ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष 10 फीसद क्षय रोग के लक्षण युक्त मरीजों की बलगम की जांच की गई और उनको टीबी के लक्षण, जांच एवं उपचार संबंधी परामर्श दिया गया| निजी क्षेत्र के क्षय रोगियों की सूचना निक्षय पोर्टल पर अपडेट नहीं हैं उन्हें भी अपडेट कराया गया और निक्षय पोषण योजना से संबंधित तकनीकी मसलों को भी हल किया किया गया। इसके साथ ही बीच में इलाज छोड़ चुके मरीजों का फॉलो अप कर पुनः इलाज शुरू कराया गया। इसके अलावा सोहनलाल इन्टर कॉलेज सहित विभिन्न विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जनपद के क्षय रोगियों को गोद लेने की मुहिमप्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान के लक्ष्य को प्राप्त करने के अभियान में एक प्रयास है।
वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक अभय चंद्र मित्रा ने कहा कि टीबी का पोषण से गहरा नाता है। यदि व्यक्ति टीबी से ग्रसित है तो उसे दवाओं के सेवन के साथ पौष्टिक आहार जैसे मूंगफली, दालें, अंडा, दही, दूध, मट्ठा, मांस-मछली, हरी सब्जियां, फल, अनाज आदि का सेवन करना चाहिये। संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन करने से इलाज के पूरा होने के बाद भी दोबारा टीबी होने की संभावना नहीं होती है। क्षय रोगी को पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये की धनराशि सीधे उनके खाते में भेजी जा रही है।
वरिष्ठ क्षय रोग प्रयोगशाला पर्यवेक्षक लोकेश कुमार वर्मा ने बताया कि क्षय रोगियों की जांच और इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है और इसका एक भी रुपया नहीं लगता है।
सदर अस्पताल के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक राजीव कुमार ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में लगभग 550 मरीजों का इलाज चल रहा है।
पावर विंग्सफाउण्डेशन की संस्थापक सुमन रावत ने कहा कि परिवर्तन मुहिम के तहत साल 2019 से अभी तक लगभग 196 टीबी मरीजों को गोद लिया है। पोषण किट में मूंगफली,चना, हॉर्लिक्स, सत्तू, फल, गुड़और दलिया इत्यादि शामिल हैं।
इस मौके पर पावर विंग्स फाउंडेशन की प्रतिनिधि प्राची श्रीवास्तव, सोनिया टंडन, नमिता पांडे और श्रुति द्वारा कैंट अस्पताल के क्षय रोग केंद्र को कंप्यूटर दिया गया। टीबी ग्रसित बच्चे रोहन (बदला हुआ नाम) की माँ मुन्नी ने बताया कि उसके बच्चे के लिए यहाँ जो खाने पीने का सामान दिया गया है वह बच्चे को खिलाएंगी। “हमारे पति कपड़े की दुकान में काम करते हैं। इसलिए खाने पीने को लेकर जो मदद की जा रही है। वह हमें सहारा देगी,’’ उन्होंने बताया।
इस मौके पर पब्लिक प्राइवेट मैनेजर(पीपीएम) समन्वयक सौमित्र मित्रा, सदर अस्पताल में स्थित टीबी केंद्र के अजीत शुक्ला राजेश कुमार शर्मा, जीत -2 से राहुल नंदन, टीबी चैंपियन ज्योति गौतम मौजूद रहे।

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