अम्बिकानन्द त्रिपाठी
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर विवि के व्यावहारिक मनोविज्ञान और राज कृष्णा न्यूरोसाइकियाट्रीक क्लीनिक, अयोध्या के संयुक्त संयोजन में संत कबीर सभागार में दो दिवसीय कार्यशाला का समापन किया गया। सोमवार को कार्यशाला में प्रसिद्ध मनौवैज्ञानिक रोर्शा के स्याही धब्बा का परीक्षण किया गया। इसमें केजीएमयू के विक्रांत अर्व ने स्विस मनोवैज्ञानिक हरमन रोर्शा के रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण से प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि व्यक्तित्व मापन में इसकी उपयोगिता का परीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त कार्यालयीय कार्याें में भी रोर्शा स्याही का विशेष महत्व है।
कार्यक्रम में एमेटी विश्वविद्यालय, लखनऊ की क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक स्तुति कक्कड़ ने बताया कि रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण में लाया जाता है। इससे मात्रात्मक गणना की जाती है। परीक्षण के निर्धारण में इसका विशेषतौर पर उपयोग किया जाता है। कार्यशाला को डाॅ0 कुँवर वैभव सहित अन्य विशेषज्ञों ने विभिन्न पहलुओं से प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। कार्यक्रम में प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा के निदेशक प्रो0 अनूप कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों एवं प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 प्रतिभा त्रिपाठी व डाॅ0 सरिता पाठक ने किया। इस अवसर पर श्रेया श्रीवास्तव, विनीता पटेल, शालिनी पांडे, रत्नेश यादव, डाॅ0 प्रतिभा सिंह छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।