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तुलसी स्मारक भवन को राज्य सिग्नेचर बिल्डिंग के रूप में तैयार कराया जाए – जिलाधिकारी श्री नीतीश कुमार

अम्बिका नन्द त्रिपाठी 
अयोध्या। जिलाधिकारी  नितीश कुमार ने आज अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक तथा कार्यदायी संस्था के सम्बन्धित अधिकारियों के साथ अंतरराष्ट्रीय बस अड्डे के पीछे सांस्कृतिक मंच एवं मुक्ताकाशी मंच तथा तुलसी स्मारक भवन के अत्याधुनिकीकरण कार्यों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम बस अड्डे के पीछे स्थित सांस्कृतिक मंच का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने सांस्कृतिक मंच में स्थायी ध्वनि, प्रकाश एवं विद्युत की व्यवस्था हेतु सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। प्रेक्षागृह में विद्युत के अभाव में जनरेटर द्वारा राम लीला का मंचन कराये जाने पर परिसर में ट्रांसफार्मर रखे जाने के बावजूद उसे संचालित न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने 02 दिन के अन्दर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराये जाने हेतु अधिशाषी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-द्वितीय को निर्देश दिये। प्रेक्षागृह की दीवालों पर करायी गयी चित्रकारी आकर्षक पाये जाने पर जिलाधिकारी ने इसे रामायण की थीम पर अलग-अलग शैलियों में चित्रण कराने के निर्देश निदेशक, अयोध्या शोध संस्थान को दिये। बस अड्डे से प्रेक्षागृह को जाने वाली सड़क तथा अन्य स्थलीय विकास के कार्यों को तेजी से पूरा कराने के निर्देश परियोजना प्रबन्धक, सी0 एण्ड डी0 एस0, यूनिट-44 को दिये। साथ ही कलाकारों के आवास हेतु प्रेक्षागृह में ही डार्मेट्री की व्यवस्था हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। 
इस अवसर पर निदेशक अयोध्या शोध संस्थान द्वारा अवगत कराया गया कि संस्कृति विभाग के अयोध्या शोध संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय राम लीला संकुल परिसर में निर्मित सांस्कृतिक मंच पर गत एक माह से अधिक से राम लीला का मंचन प्रारम्भ कराया गया है। जिलाधिकारी ने राम लीला मंचन में श्रद्धालुओं एवं दर्शकों की संख्या में वृद्धि किये जाने हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिये गये। 
तदोपरांत जिलाधिकारी द्वारा मुक्ताकाशी प्रेक्षागृह का निरीक्षण किया गया इस दौरान जिलाधिकारी ने लगभग 1500 दर्शकों की क्षमता से युक्त मुक्ताकाशी प्रेक्षागृह के निर्माण में कई स्थलों पर मानक से कम पर कराये गये कार्यों पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए समस्त अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने वर्तमान में मुक्ताकाशी प्रेक्षागृह के अन्दर स्थापित पी0ए0सी0 के अस्थायी कैम्प को शीघ्र अन्यत्र उपयुक्त स्थान पर स्थानान्तरित कर प्रेक्षागृह को संचालित करने का भी खाका तैयार करने के निर्देश दिये। 
 अंत में जिलाधिकारी ने निदेशक, अयोध्या शोध संस्थान तथा कार्यदायी संस्था यूपीसिडको के सहायक अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता के साथ तुलसी स्मारक भवन के अत्याधुनिकीकरण के कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्माण इकाई को निर्देशित किया कि वह समस्त कार्य गुणवत्तापूर्ण ढंग से एवं निर्धारित समयावधि में कराने हेतु कम से कम 02 शिफ्ट में पर्याप्त संख्या में मिस्त्री एवं श्रमिक लगाये, जिससे कि इस निर्माण कार्य का लाभ आमजन को नियत समय में सुलभ हो सके। मौके पर उपलब्ध कार्यदायी संस्था के सहायक अभियन्ता को जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट निर्देश दिये कि किसी भी कार्य में उच्चगुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाय। इस दौरान हाल के एकाउस्टिक सिस्टम को उच्च स्तरीय बनाये जाने हेतु कई तकनीकी निर्देश देने के साथ ही जिलाधिकारी ने फॉल सीलिंग के कराये जाने वाले कार्यों को विशेष गुणवत्तापूर्ण ढंग से कराये जाने के निर्देश दिये। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा तुलसी स्मारक भवन, अयोध्या का ऐतिहासिक भवन है। इसी ऐतिहासिकता एवं महत्व की दृष्टि से इसके आन्तरिक साज-सज्जा तथा प्रवेश व निकास द्वार को अयोध्या धाम की आस्था, कला एवं संस्कृति के अनुरूप ही कराये जाने के निर्देश दिये। पूर्व में भवन की दीवालों पर करायी गयी चित्रकारी तथा टेराकोटा कला के माध्यम से रामायण के विविध प्रसंगों का अंकन पुनः कराये जाने हेतु सम्बन्धित को निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने स्थलीय निरीक्षण के दौरान इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि तुलसी स्मारक भवन को राज्य सिग्नेचर बिल्डिंग के रूप में तैयार कराया जाय। सभी कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण गुणवत्ता के साथ सभी तकनीकी मापदण्डों को ध्यान में रखकर कराये जायें और यदि किसी स्तर पर कोई समस्या या अवरोध हो तो वह तत्काल संज्ञान में लाया जाना चाहिए।
स्थलीय निरीक्षण के समय जिलाधिकारी के साथ अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ0 लवकुश द्विवेदी, संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी  राम तीरथ, सी0 एण्ड डी0 एस0 यूनिट-44 के परियोजना प्रबन्धक श्री देवव्रत पवार, तथा यूपीसिडको के सहायक अभियन्ता अश्वनी कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

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