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डॉक्टरों की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की गई जान।।

कुकुरमुत्ते की तरह जमे हुए तहसील निघासन क्षेत्र के हॉस्पिटलों की हो जांच तो कई निकलेंगे फर्जी हॉस्पिटल।
निघासन खीरी। डॉक्टर जिन्हें भगवान का दूसरा रूप माना गया है। अगर वही अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ठीक ढंग से न करे तो भगवान रूपी डॉक्टरों पर उंगली उठना तय है।हम ये नही कहते कि सभी डॉक्टर एक जैसे होते है। कुछ डॉक्टर ऐसे भी होते है, कि कोरोना के दौर में अपनी जान को जोखिम में डाल कर अपने कर्तव्यों के पथ पर डटे रहे तो वही कुछ डॉक्टर सिर्फ और सिर्फ अपनी जेब गर्म करने में लगे रहे।डॉक्टरों की इस दुनिया में इंसान तो उसके पास उसे भगवान समझ कर जाता है, मगर उनमें से कुछ ही डॉक्टर अपने आप को भगवान का दूसरा रूप साबित कर पाते है। बाकी सिर्फ और सिर्फ नोटों की महक में डूबे रहते है। ताजा मामला जनपद लखीमपुर खीरी की तहसील निघासन का है। जहाँ कुकुरमुत्ते की तरह जमे हुए हॉस्पिटलों में एक हॉस्पिटल जिसका नाम अंजली हॉस्पिटल है। जिसने अपनी नाकामी की सारी हदें पार करते हुए दो लोगों को काल के गाल में समा दिया। जी हाँ तहसील निघासन की सिंगाही रोड स्थित अंजली हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही से जच्चा व बच्चा को अपनी जिंदगी गवानी पड़ी। बताते चलें कि मृतक महिला आरती देवी पत्नी रामू यादव निवासी खैरीगढ़ तहसील निघासन, जनपद खीरी की रहने वाली थी, महिला गर्भवती थी जो निघासन कस्बे के सिंगाही रोड स्थित अंजली हॉस्पिटल में उपचार कराने हेतु गयी थी। गर्भवती होने के चलते वो दर्द से परेशान भी थी।
जब डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया तो कहीं न कहीं उनसे चूक हुई और प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी।
डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा जच्चा-बच्चा को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा। तहसील निघासन का ये पहला मामला नही है बल्कि कुकुरमुत्ते की तरह जमे हुए निघासन के कुछ हॉस्पिटलों में आये दिन ऐसे हादसे होते रहते है। इस मामले में जब हमारे लखीमपुर खीरी सवांददाता ने निघासन सीएचसी प्रभारी लालजी पासी से बात की तो उन्होंने बताया कि निघासन की सिंगाही रोड पर स्थित अंजली हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया है। हालांकि बताया जा रहा है की उपरोक्त हॉस्पिटल का सम्पूर्ण स्टाफ फरार है।

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